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एक कवि की शादी हुई…
Last Updated on July 1, 2020 by Vishal Rana
एक कवि की शादी हुई…
पहली मुलाकात में दूल्हे ने अपनी साहित्यक भाषा में अपनी
दुल्हन से बातचीत की शुरुआत कुछ इस तरह से की…
“प्रिय, आज से तुम ही मेरी कविता हो, अभिलाषा हो, भावना हो, कामना हो..”
दुल्हन ने यह सुनकर दूल्हे से कहा…
“मेरे लिए भी आज से तुम ही मेरे मुकेश हो, मितेश हो, राजेश हो, रमेश हो..”
लड़का – मैं तुम्हारे साथ शादी नहीं कर सकता…
घर वाले नहीं मान रहे हैं!
लड़की – तुम्हारे घर मैं कौन-कौन हैं?
लड़का – एक पत्नी और दो बच्चे…!!!
पत्नी – अजी सुनते हो , तुमको ऑफिस की फ़िक्र है घर की कोई फ़िक्र ही नहीं
पति – क्या हुआ ?
पत्नी – लगता है हमारी बेटी ने बाहर किसी से सेटिंग कर ली है
पति – तुमको कैसे पता ?
पत्नी – आज कल मोबाइल रिचार्ज के पैसे ही नहीं माँगती है ….
पति बेहोश
रामू जंगल में जा रहा था तभी एक सांप ने पैर पर काट लिया…
रामू को गुस्सा आया और टांग आगे करके बोला- ले काट ले जितना काटना है काट ले।
सांप ने फिर तीन-चार बार काटा और थक कर बोला, तू इंसान है या भूत?
रामू- मैं तो इंसान ही हूं लेकिन साले मेरा पैर नकली है।
पप्पू ने चिड़ियाघर में नौकरी कर ली…
उसने शेर के पिंजरे को ताला नहीं लगाया
अफसर- पप्पू तुमने शेर के पिंजरे को ताला क्यों नहीं लगाया?
पप्पू- क्या जरूरत है! इतने खतरनाक जानवर को कौन चुराएगा?
पप्पू को पहले दिन ही निकाल दिया गया