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नई दिल्ली। लकवे (Paralysis) के बारे में कहा जाता है कि इस बमुश्किल ठीक होता है। सालों तक लंबा इलाज करवाने के बाद भी ज्यादातर लोग इस बीमारी से छुटकारा नहीं पाते। लेकिन राजस्थान (Rajasthan) के एक ऐसे मंदिर के बारे में कहा जाता है कि वहां जाने से लोगों का लकवा भी ठीक हो जाता है।
यह मंदिर नागौर (Nagour) से 40 किलोमीटर दूर स्थित गांव बुटाटी में है। लोगों का मानना है कि यहां चतुरदास जी महाराज के मंदिर में लकवे से पीड़ित मरीज सिर्फ 7 दिन में स्वस्थ हो जाता है। राजस्थान के नागौर जिले के कुचेरा गांव में बने इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में लोगों का मानना है कि अगर कोई लकवाग्रस्त मरीज यहां दर्शन करने आता है तो वह आता तो दूसरों के सहारे पर है, लेकिन वापस अपने बलबूते पर चलकर जाता है। मान्यता है कि इस गांव में लकवाग्रस्त लोग बिल्कुल स्वस्थ होकर लौटते हैं। यहां आ कर मरीज के परिजन नियमित 7 दिन मन्दिर की परिक्रमा लगाते हैं।
इतना ही नहीं, हवन कुण्ड की भभूति मरीज के शरीर पर लगाते हैं और बीमारी धीरे-धीरे अपना प्रभाव कम कर देती है। शरीर के अंग जो हिलते-डुलते नहीं हैं, वह धीरे-धीरे काम करने लगते हैं। लकवे से पीड़ित जिस व्यक्ति की आवाज बन्द हो जाती वह भी धीरे-धीरे बोलने लगता है। इस मंदिर (Temple) के पीछे प्राचीन मान्यता है कि जिस भूमि पर मंदिर का निर्माण हुआ है उस जगह काफी सालों पहले चतुरदास महाराज तपस्या करते थे और उन्हें रोगमुक्त करने का अनोखा वरदान मिला था।
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