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Budget Session: कर्मचारियों के पेंशन मामले को लेकर क्या बोली सरकार-जानिए
Last Updated on February 28, 2020 by Deepak
शिमला। सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मचारियों की मृत्यु या उनके अपंग होने पर पेंशन सुविधा देने का सरकार को कोई विचार नहीं है। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। यह जानकारी सीएम जयराम ठाकुर ने सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा और शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह के सवाल के जवाब में हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र (Budget session) के दौरान सदन में दी।
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सरकार का कहना है कि नई पेंशन स्कीम प्रदेश में पहले से लागू है, लेकिन कर्मचारियों को डीसीआरजी प्रतिशत के आधार पर देने का कोई प्रावधान नहीं है। यद्यपि प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के हित में सरकार द्वारा देय अंशदान को केंद्र सरकार की तर्ज पर 1 अप्रैल 2019 से 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया गया है। वहीं, प्रदेश सरकार केंद्र के सेवा नियमों को स्वत लागू नहीं करती है बल्कि अपने संसाधनों एवं वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन नियमों को अपनाती है।
तो कमेटी बनाने की बात कर कर्मचारियों से क्यों किया छल
कांगड़ा। नई पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन के कांगड़ा जिला प्रधान राजिंदर मन्हास ने सरकार के जवाब पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार अगर केंद्र के दिए लाभ भी हिमाचल के एनपीएस कर्मचारियों को प्रदान नहीं कर सकती है तो फिर विधानसभा चुनावों में क्यों पेंशन बहाली के लिए कमेटी फ्रेम करने की बात लिख कर हिमाचल के एक लाख कर्मचारियों से छल किया गया। कांगड़ा जिला प्रधान ने कहा कि आज सेवा के दौरान अगर एनपीएस कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उस परिवार के आगे दो जून की रोटी का प्रश्न खड़ा हो जा रहा है, क्योंकि कर्मचारी का एनपीएस का जमा पैसा भी 20 फीसदी ही परिवार को मिल रहा है और 80 फीसदी की राशि का जबरदस्ती पेंशन प्लान उस परिवार को लेने को मजबूर किया जा रहा है। जिला प्रधान ने कहा कि एसोसिएशन अब आंदोलन और तेज करेगी। जरूरी हुआ तो केंद्र से भी इस विषय मे गुहार लगाई जाएगी।