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शिलाई। केंद्र और प्रदेश सरकार भले ही विद्युतीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है मगर ऐसा विद्युतीकरण जहां बिजली से ही जान का खतरा बना हो, ऐसी बिजली का होना न होने से अच्छा है। यहां बात हो रही है जिला सिरमौर (Sirmaur) की दुर्गम पंचायत शिल्ला के गांव चढ़ेऊ की। इस गांव में करंट का खतरा बढ़ रहा है। लोगों ने करंट से बचने के लिए खुद ही बिजली के तार लकड़ी के फट्टों की सपोर्ट देकर ऊंचे किए हैं। हैरानी की बात है कि बिजली विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। इस गांव में बिजली के तार (Electric wires) घरों की छतों से झूल रहे हैं। कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है। हालांकि, ग्रामीणों ने कई मर्तबा बिजली बोर्ड के अधिकारियों व कर्मियों को इससे अवगत कराया है, मगर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है।
अब ग्रामीणों का बोर्ड की कार्यप्रणाली के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है। नवयुवक मंडल चढ़ेऊ के अध्यक्ष धनवीर सिंह ने कहा कि शिल्ला पंचायत के तहत आने वाले इस गांव में बिजली के तार घरों की छत से छूती गुजर रही हैं। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने कई बार बिजली बोर्ड के टिंबी और शिलाई विद्युत कार्यालय में की है, लेकिन फिर भी बिजली विभाग द्वारा ना तो पोल हटाए जा रहे हैं और ना ही लाइन बदली जा रही है।
कई बार बारिश या तेज हवाओं के चलते बिजली के तार आपस में टकराते हैं, जिससे मकान की छतें करंट पकड़ लेती हैं। इससे गांव के लोगों में दहशत का माहौल है। कुछ छतों पर लोगों ने खुद ही अपने छत पर लकड़ी से सपोर्ट देकर तार की ऊंचाई बढ़ाई है, ताकि बिजली की तार छत को न छूए। उन्होंने बिजली बोर्ड और सरकार से मांग की कि गांव में बिजली के तार से बड़ी घटना या दुर्घटना होने से पहले ही बिजली के पोल बदल दिए जाएं या फिर केबल वाली बिजली लाइन बिछाई जाए।
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