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मणिमहेश झील में गंगा जल अर्पित करने जाने से रोका तो किया प्रदर्शन, मिली अनुमति
भरमौर। हिमाचल के चंबा जिला की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा (Manimahesh Yatra) की अनुमति ना मिलने पर लोगों ने रविवार को धरना प्रदर्शन (Protest) किया। यह लोग डल झील में गंगा जल डालने की अनुमति मांग रहे थे। अनुमति ना मिलने पर गुस्साए लोगों ने प्रघाला के पास ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामले की जानकारी मिलते ही उपमंडल अधिकारी भरमौर मनीष सोनी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बात की। इसके बाद इन लोगों को डल झील में गंगा जल प्रवाह करने की अनुमति दी गई। हालांकि यह शत भी रखी गई कि डल झील में गंगा जल प्रवाह के लिए एक परिवार के सिर्फ दो ही सदस्य जा सकेंगे। ऐसी रस्मों को निभाने के लिए मणिमहेश जाने से पहले लोग उनके कार्यालय से अनुमति अवश्य लें। इसके लिए अधिकतम दो लोगों के आधार कार्ड नंबर, दो वैक्सीन (Vaccine) डोज या कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट व मृतक का मृत्यु प्रमाणपत्र की प्रति जरूरी होगी। बता दंे कि गद्दी समुदाय में मान्यता है कि मृतक की अंत्येष्टि के उपरांत उसकी अस्थियों को हरिद्वार (Haridwar) में गंगा नदी में प्रवाहित किया जाता है। इस दौरान वहां से लाए गए गंगाजल मणिमहेश कुंड में अर्पित किया जाता है। इससे मृतक की आत्मा को शिव धाम पहुंचा माना जाता है।
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बता दें कि कोविड के चलते जिला प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा पर जाने से पूरी तरह से रोक लगाई है, जिस कारण मणिमहेश जाने वाले लोगों को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से जगह-जगह चेक पोस्टें स्थापित की गई हैं, ताकि कोई भी प्रशासन के आदेशों की अवेहलना ना करे। लिहाजा रविवार को प्रघाला के पास मणिमहेश में गंगा जल ढालने जा रहे लोगों को रोकने पर लोगों ने नाराजगी जताई और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं इस बारे मं उपमंडल अधिकारी भरमौर मनीष सोनी ने बताया कि गंगा जल चढ़ाने मणिमहेश जा रहे स्थानीय लोगों को मणिमहेश जाने की अनुमति दी गई है। भरमौर क्षेत्र के जिन लोगों को गंगाजल चढ़ाने व अन्य किसी भी तरह की रस्म को निभाने के लिए मणिमहेश जाना जरूरी है वह कार्यालय में आकर अनुमति ले सकते हैं।
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