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Civil Hospital Nerwa में ना डॉक्टर ना भवन, एक बेड पर सोते हैं तीन-तीन मरीज
Last Updated on March 8, 2020 by Deepak
चौपाल। उपमंडल चौपाल का सिविल अस्पताल नेरवा (Civil Hospital Nerwa) नाम का सिविल अस्पताल है। यहां सुविधाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी हैं। यह अस्पताल 25 पंचायतों का केंद्र बिंदु है तथा यहां पर 25 पंचायतों के लोग स्वास्थ्य की जांच करवाने आते हैं, लेकिन अस्पताल के अंदर स्वास्थ्य सुविधा ना होने के कारण उन्हें मजबूरन प्राइवेट क्लीनिकों का सहारा लेना पड़ता है। अस्पताल के अंदर बेसिक टेस्ट ईसीजी, अल्ट्रासाउड जैसी सुविधाएं नहीं है। अल्ट्रासाउंड जैसी सुविधाओं के लिए जनता को यहां से लगभग 150 किलोमीटर दूर शिमला जाना पड़ता है। अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। पिछले तीन साल से नेरवा में BMO का पद रिक्त चला हुआ है। अस्पताल में मात्र 5 कमरे हैं जिसमें मरीजों के लिए दो कमरे में चार बेड लगे हुए हैं जिस वजह से मरीजों को मजबूरन एक बेड पर तीन मरीजों को लेटना पड़ रहा है।
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सिविल अस्पताल निर्वाह में नए भवन का निर्माण हो रहा है जो कि काफी समय से निर्माणाधीन है। सिविल अस्पताल नेरवा का कांग्रेस सरकार के समय भी दो बार अपग्रेड करने का शिलान्यास किया गया। उसके बाद बीजेपी सरकार के कार्यकाल में भी इसे अपग्रेड किया गया, लेकिन दशा आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। यहां कोई Accident हो जाता है तो पीड़ित को प्रथम उपचार के बाद तुरंत शिमला रेफर कर दिया जाता है। कई बार तो मरीज आधे रास्ते में ही दम तोड़ देता है। नेता चुनाव के दौरान जनता के बीच आकर झूठी घोषणा की बौछार करते हैं और बाद में सब भूल जाते हैं।
सूत्रों के मुताबिक कुछ समय पहले नेरवा में एक्सरे मशीन आई हुई है, लेकिन टेक्नीशियन ना होने के कारण वह स्टोर में पड़ी हुई है। हालत आज भी वैसे है यदि बिजली चली जाती है तो अस्पताल के अंदर जनरेटर की भी कोई सुविधा नहीं है, मरीजों को कैंडल जलाकर गुजारा करना पड़ता है। नेरवा की जनता में इन नेताओं को लेकर भी काफी रोष है। लोगों ने सरकार से मांग की है कि यदि नेरवा में जल्द नया भवन तैयार नहीं किया गया तथा अस्पताल में सभी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं करवाई गईं तो वे उग्र प्रदर्शन करेंगे।