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गफूर खान/धर्मशाला। प्रदेश में विभिन्न विभागों और बोर्डों में आउटसोर्स पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाई जा रही है। इस बजट सत्र में यानी मार्च माह तक आउटसोर्स कर्मियों की इस स्थायी नीति की घोषणा कर दी जाएगी। यह शब्द सीएम वीरभद्र सिंह ने एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहे।
सीएम वीरभद्र सिंह का कहना है कि प्रदेश सरकार अपना वादा निभाते हुए हजारों की संख्या में आउटसोर्स कर्मियों और उनके परिवारों को राहत पहुंचाएगी। सनद रहे कि प्रदेश कांग्रेस सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 24 दिसबंर को पुलिस ग्राउंड धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सीएम ने मंच से घोषणा की थी कि प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों और बोर्डों में आउटसोर्स आधार पर कार्यरत कर्मियों के लिए एक नीति का निर्माण करेगी।
अब इस दिशा में सरकार ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार ने सभी विभागों, बोर्ड, निगमों, डीसी और मंडलायुक्त कार्यालयों को पत्र लिखकर आउटसोर्स आधार पर नियुक्त कर्मचारियों की डिटेल मांगी है। इस पत्र में लिखा गया है कि सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक स्थायी नीति बनाने जा रही है। इसलिए विभाग ऐसे कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध करवाएं जो कि 31 दिसबंर 2016 तक संबंधित विभाग या बोर्ड-निगम में नियुक्त हैं। सरकारी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार आउटसोर्स कर्मियों को अनुबंध पर लेगी। वर्तमान में प्रदेश में करीब 25 हजार कर्मचारी आउटसोर्स आधार पर कार्यरत हैं। सरकार के इस फैसले से एक तरफ जहां हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों और उनके परिवारों को राहत मिलेगी, वहीं आगामी चुनावों में भी कांग्रेस को इसका लाभ मिलेगा। इस वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक स्थायी नीति बनने से सरकार को इन कर्मचारियों का साथ भी मिलेगा।
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