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मीरा वालिया को लोक सेवा आयोग का सदस्य बनाये जाने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
Last Updated on January 1, 2020 by Deepak
शिमला। मीरा वालिया (Meera Walia) को लोक सेवा आयोग (Public Service Commission) का सदस्य बनाये जाने को चुनौती देने वाली याचिका को प्रदेश हाईकोर्ट (State high court) ने खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस लिंगप्पा नारायण स्वामी और जस्टिस ज्योत्सना रिवाल दुआ की बेंच ने अपने फैसले में यह स्पष्ट किया कि मीरा वालिया की नियुक्ति करते समय भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित किए गए सिद्धांतों की पूर्णतया पालना की गई है। न्यायालय ने कहा कि हालांकि मीरा वालिया के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी मगर शिमला की विशेष अदालत द्वारा उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया गया है और स्पेशल जज द्वारा पारित निर्णय को किसी भी न्यायालय के समक्ष चुनौती नहीं दी गई है।
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इन तथ्यों के दृष्टिगत हाई कोर्ट ने पाया कि प्रार्थी उपरोक्त याचिका को लेकर कोर्ट के समक्ष स्पष्ट छवि, स्वच्छ आत्मा व स्वच्छ मन से नहीं आया है। न्यायालय ने कहा कि हालांकि यह याचिका कॉस्ट के साथ खारिज की जाने योग्य है मगर प्रार्थी को कानून का विद्यार्थी होने व कानून का पालन करने वाला नागरिक पाते हुए उस पर कॉस्ट लगाने के आदेश पारित नहीं किए। न्यायालय ने अपने निर्णय में यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार में वर्तमान में आयोग के अध्यक्ष पद नियुक्ति के लिए कोई भी मापदंड व दिशानिर्देश जारी नही किये हैं। राज्य सरकार व राज्यपाल को इन पदों पर नियुक्ति देने हेतु बड़े स्तर पर स्वेच्छ निर्णय का अधिकार प्राप्त है। न्यायालय ने राज्य सरकार से यह आशा जताई कि वह भविष्य में आयोग में अध्यक्ष व सदस्यों के पदों पर चयन व नियुक्ति हेतु प्रशासनिक दिशानिर्देश व मापदंड जारी करेगी जिससे कि मनमाने तरीके से इन पदों पर होने वाली नियुक्ति पर रोक लगे।