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शिमला। PGT को प्रवक्ता स्कूल न्यू पदनाम मंजूर नहीं है। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने PGT को प्रवक्ता स्कूल न्यू पदनाम देने को एक भद्दा मजाक करार दिया है। संघ का कहना है कि यदि 6वीं और 12वीं को पहले की तरह के भर्ती एवं पदोन्नति नियम के अनुसार ही पढ़ाना है तो पीजीटी और प्रवक्ता स्कूल न्यू में क्या फर्क है। यह तो सरासर आंख में धूल झोंकने वाली बात है। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि 1 मई 2018 को शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में जो बैठक हुई थी, उसमें सभी को एक ही पदनाम प्रवक्ता दिए जाने पर सहमति बनी थी।
इसकी अधिसूचना जारी करने के लिए शिक्षा सचिव ने संघ से एक अंडरटेकिंग मांगी थी। इसमें संघ ने कहा था कि टीजीटी के पद कुछ समय के लिए खाली होने पर 9वीं और 10वीं को पढ़ाने में कोई हर्ज नहीं है। इस पर शिक्षा सचिव ने हामी भर दी थी और जल्द अधिसूचना जारी करने की बात कही थी। पर कुछ शिक्षक नेताओं ने अपने अहम के कारण इसका विरोध किया था। अहम के कारण पूरी पीजीटी कैटेगिरी को अपने से अलग प्रवक्त स्कूल न्यू पदनाम देना गलत है। इससे प्रवक्ताओं में एक लाइन खिंच जाएगी। संघ पदोन्नत पीजीटी को मुख्याध्यापक बनाए जाने में आड़े आ रही 26 अप्रैल 2010 की अधिसूचना को भी साथ ही रद्द करने की मांग करता है और सभी को सम्मान नियमों के तहत प्रवक्ता पदनाम की मांग करता है।
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान एवं चीफ प्रेस सचिव व प्रवक्ता कैलाश ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के हितों के साथ कुठाराघात कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार पीटीए अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। इसलिए बजट प्रावधान के बावजूद भी न तो इन्हें नियमित कर रही है और न ही उन्हें नियमित अध्यापकों के बराबर वित्तीय लाभ देने का मामला कैबीनेट में मंज़ूरी के लिए लगा रही है, जबकि सीएम ने विधानसभा में कहा है कि हम 5300 पीटीए कॉन्ट्रेक्ट व 1300 पीटीए एट पर कॉन्ट्रेक्ट व 97 पैरा अध्यापकों को नियमित स्केल देंगे।
संघ सरकार से कर्मचारियों के वित्तीय मुद्दों पर जैसे कि 4-9-14 टाइम स्केल को 2009 के नियमों के अनुसार बहाल करना ,ग्रेड पे पर 2 वर्ष की शर्त हटाना, नियमितीकरण पर इनिशियल स्टार्ट को बहाल करना, अनुबंध अवधि को 3 से 2 वर्ष करने, प्रथम नियुक्ति से सभी वित्तीय, वरिष्ठता लाभ देना, पुरानी पेंशन बहाल करना, ओटी, एलटी को टीजीटी पदनाम देना, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष करने ,15 वर्षों के सेवाकाल पर 2 विशेष वेतन वृद्वि देना व केंद्र सरकार के वेतनायोग को हिमाचल में भत्तों सहित तुरंत लागू करना संघ की प्रमुख मांगो में शामिल है।
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