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कुल्लू। मणिकर्ण घाटी में स्थित अपनी अनूठी परंपरा और प्राचीन लोकतंत्र के लिए मशहूर गांव मलाणा की प्राचीन संस्कृति को बचाने के लिए ग्रामीणों ने एक नया प्रस्ताव तैयार किया है। ग्रामीणों ने इस प्रस्ताव को पंचायत में पेश कर दिया है और अब जल्द ही इस प्रस्ताव को पूरा करने की मांग की है।
हालांकि पंचायत ने कोरम पूरा न होने के चलते अभी प्रस्ताव पर चर्चा नहीं की है, लेकिन आने वाली 26 जनवरी को ग्राम सभा के कोरम में इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। ग्रामीणों का ये प्रस्ताव अगर पारित हो गया तो दुनिया भर से यहां मलाणा आने वाले पर्यटक विश्व भर में अपने अनूठे और सबसे प्राचीनतम लोकतंत्र के लिए विख्यात ऐतिहासिक गांव की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी नहीं कर पाएंगे।
इस प्रस्ताव के पारित होते ही ऐतिहासिक गांव में मलाणा में शीघ्र ही फोटोग्राफी पर प्रतिबंध लग जाएगा। अब ग्रामसभा की आगामी बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा। गौर रहे कि मलाणा गांव के लोग आज भी सदियों पुरानी परंपराओं का निर्वहन किया कर रहे हैं और गांव में आज भी सभी फैसले देवता जमलू के आदेश पर भी लिए जाते हैं। गांव में अप्पर और लोअर दो सदन हैं और सभी ग्रामीण इन्हीं सदनों में मिल बैठ आपस के सभी फैसले लेते हैं। गांव के लोगों की मानें तो लोग यहां लिए गए चित्रों को सोशल मीडिया पर डाल कर गांव की छवि को खराब कर रहे हैं। गांव की अपनी प्राचीन संस्कृति है। इसी के चलते गांव के लोगों ने सामूहिक रूप से यह फैसला लिया है कि गांव में पर्यटकों के लिए फोटोग्राफी पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। ग्रामीणों इस संबंध में पंचायत को एक प्रस्ताव भी भेजा है। गौरतलब है कि मलाणा गांव चरस के लिए भी काफी बदनाम हो चुका है। मलाणा पंचायत के प्रधान भागी राम ने माना कि पंचायत के लोगों ने ऐसा प्रस्ताव पंचायत को दिया है, जिसमें बाहरी लोगों के गांव में फोटोग्राफी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
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