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शिमला। प्लानिंग कमेटी की बैठक में नाहन के विधायक व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव बिंदल ने विधानसभा क्षेत्र का पक्ष बड़ी मजबूती के साथ प्रस्तुत किया और कहा कि पूर्व के चार वर्षों में जो मुद्दे हमारे द्वारा उठाए गए थे वे ज्यों के त्यों खड़े हुए हैं। डा. बिंदल ने कहा कि टूरिज्म एवं रोजगार की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई व 70 प्रतिशत नौकरी देने की बात हवाहवाई है । बिंदल ने नाहन विधानसभा क्षेत्र के पंप हाउसेज की दुर्दशा की बात रखी, जिस पर सीएम ने पंप हाउस ठीक करने के आदेश पारित किए । नागल सुकेती सड़क एवं उस पर बस चलाने की बात के उत्तर को गलत बताते हुए डा. बिदल ने विभाग को गलत सूचना देने के लिए कटघरे में खड़ा किया अंत में सीएम ने नागल सुकेती की बस को तुरंत चलाने के आदेश पारित किए । कुल 160 हैंडपंप विधायक प्राथमिकता में लगाने के मामले में भी भरपूर बहस हुई, अंत में विभाग को यह निर्देश दिए गए की इसे शीघ्र पूरा करें ।
सड़कों की डीपीआर भी बिना देरी के बनाए जाने के निर्देश हुए । पीएचसी बनेठी व पीएचसी जमटा व अन्य सब सेंटरों के पैसे बदलने पर पूर्ण हंगामा हुआ व पैसे देने के लिए आदेश दिए गए । धौलाकुआं की पीएचसी का मुद्दा भी जोर से उठा । बिंदल ने कहा कि विगत तीन वर्षों से लगातार हम अपने सुझाव दे रहे हैं, लेकिन उन सुझावों पर विशेष ध्यान न देने से इलाकावासियों की समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई है । उन्होंने कहा कि नाहन नगर की पेयजल योजना का समाधान करने के लिए दो पुरानी पेयजल योजनाओं नैहर स्वार ग्रेविटी पेयजल योजना एवं खैरी उठाऊ पेयजल योजना के सुधार के लिए नाबार्ड के माध्यम से 13 करोड़ रुपये की स्वीकृति आए हुए एक वर्ष हो चुका है, लेकिन पैसे होने से पाइपें बदलने का कार्य लंबित पड़ा है । यह पहली प्राथमिकता है जिसे शुरू किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि सेना द्वारा नाहन के बड़े इलाके के लोगों को परेशानी पैदा की जा रही है । 1980 के दशक में रैवेन्यू में गलत इंद्राज किए जाने से मामला बिगड़ा है । प्रदेश की सरकार 500 बीघा भूमि सेना को अन्यत्र उपलब्ध कराकर इस मसले का स्थाई हल निकाल सकती है। उन्होंने कहा कि धौलाकुआं पीएचसी का नामकरण बार-बार आश्वासन के बाद भी नहीं बदला गया है । माजरा में उपतहसील का निर्माण एवं पुलिस थाने का निर्माण जनहित में सर्वाधिक आवश्यक है । साथ ही माजरा की पीएचसी को स्तरोन्नत करना जरूरी है । पूर्व मंत्री ने कहा कि जिला सिरमौर में लोक निर्माण विभाग, आईपीएच विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, विद्युत विभाग में 50 प्रतिशत के लगभग पद रिक्त पड़े है । जिनके कारण योजनाओं का कार्य होने में डीपीआर बनने में भारी कठनाई का सामना करना पड़ता है ।
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