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#ParikshaPeCharcha2020 : मोदी ने ली बच्चों की Class, कहा- सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं
Last Updated on January 20, 2020 by
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी आज देशभर के करोड़ों बच्चों की क्लास (Class) ले रहे हैं। इसके लिए आज दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम (Talkatora stadium) में ‘परीक्षा पे चर्चा’ का आयोजन किया गया है। ‘परीक्षा पे चर्चा’ का ये तीसरा साल है। 2018 में पहली बार इसकी शुरुआत की गई थी। बोर्ड परीक्षाओं से पहले पीएम मोदी के इस कार्यक्रम का उद्देश्य है छात्र-छात्राओं को परीक्षा के तनाव से दूर करना और उन्हें सफलता के मायने समझाना। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों को परीक्षा के तनाव से बचने के टिप्स दे रहे हैं। इस बार कार्यक्रम का संचालन स्कूली छात्र-छात्राएं ही कर रहे हैं।
Amazing #ParikshaPeCharcha2020 programme. Watch. https://t.co/t3S6ckqrX1
— Narendra Modi (@narendramodi) January 20, 2020
बच्चों से क्या बोले मोदी पढ़ें –
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर मैं ये चर्चा ना करता तो भी PM पद पर कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन मैंने खुद ये प्रस्ताव किया, मुझे लगा कि आपके माता-पिता का बोझ हल्का करना चाहिए। मैं भी तो आपके परिवार का सदस्य हूं।
स्मार्ट फोन जितना समय आपका चोरी करता है, उसमें से 10 प्रतिशत कम करके आप अपने मां, बाप, दादा, दादी के साथ बिताएं। तकनीक हमें खींचकर ले जाए, उससे हमें बचकर रहना चाहिए। हमारे अंदर ये भावना होनी चाहिए कि मैं तकनीक को अपनी मर्जी से उपयोग करूंगा।
आज की पीढ़ी घर से ही गूगल से बात करके ये जान लेती है कि उसकी ट्रेन समय पर है या नहीं। नई पीढ़ी वो है जो किसी और से पूछने के बजाए, तकनीक की मदद से जानकारी जुटा लेती है।
इसका मतलब कि उसे तकनीक का उपयोग क्या होना चाहिए, ये पता लग गया।
पिछली शताब्दी के आखरी कालखंड और इस शताब्दी के आरंभ कालखंड में विज्ञान और तकनीक ने जीवन को बदल दिया है।
इसलिए तकनीक का भय कतई अपने जीवन में आने नहीं देना चाहिए।
तकनीक को हम अपना दोस्त माने, बदलती तकनीक की हम पहले से जानकारी जुटाएं, ये जरूरी है: पीएम मोदी #ParikshaPeCharcha2020 pic.twitter.com/UaTjpZW59z— BJP (@BJP4India) January 20, 2020
Co-curricular activities न करना आपको रोबोट की तरह बना सकता है। आप इसे बदल सकते हैं। हां, इसके लिए बेहतर समय प्रबंधन की आवश्यकता होगी। आज कई अवसर हैं और मुझे आशा है कि युवा इनका उपयोग करेंगे।
सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं। कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है। ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए। मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है।
पीएम मोदी ने क्रिकेट से भी छात्रों को उदाहरण दिया। पीएम मोदी ने कहा कि 2002 में भारत वेस्टइंडीज में खेलनी गई थी। अनिल को चोट लगी। लोग सोचने लगे वो बालिंग कर पाएंगे या नहीं। लेकिन उन्होंने तय किया वो खेलेंगे। पट्टी लगाकर वो खेले। उसके बाद लारा का विकेट लिया। इमोशन को मैनेज करने का तरीका सीखना होगा।
हम विफलताओं मैं भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं। हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो।
मिशन चंद्रयान में आपका योगदान नहीं था, लेकिन आप ऐसे बैठे होंगे कि जैसे आपने ही ये किया हो।
जब सफलता नहीं मिली तो आप भी डिमोटिवेट हुए।
किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हैं: पीएम मोदी #ParikshaPeCharcha2020 pic.twitter.com/PomRypLYv4
— BJP (@BJP4India) January 20, 2020
चंद्रयान-2 जब सही तरह से लैंड नहीं कर पाया तो आप सब निराश हुए थे। मैं भी निराश हुआ था। मैं आज सीक्रेट बताता हूं। कुछ लोगों ने मुझे बताया था कि मोदी जी आपको उस कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए था। इस कार्यक्रम की निश्चितता नहीं थी। उन्होंने कहा कि अगर यह फेल हो गया तो…. इसके बाद मैंने कहा कि इसीलिए तो मुझे जाना चाहिए। मैं उस वक्त वैज्ञानिकों का चेहरा देख रहा था। अचानक मुझे ऐसा लगा कि कुछ तो गलत हुआ है फिर वैज्ञानिकों ने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन फेल हो गया। इसके बाद मैंने वैज्ञानिकों को चिंता न करने की बात कह कर होटल चला गया। मैं अगली सुबह वैज्ञानिकों से मिला। वैज्ञानिकों से अपने भाव व्यक्त किया। उसके बाद माहौल बदल गया। उसके बाद आपने सब देखा जो हुआ। हम विफलताओं में भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं। हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो।
क्या कभी हमने सोचा है कि Mood off क्यों होता है? अपने कारण से या बाहर के किसी कारण से।
अधिकतर आपने देखा होगा कि जब Mood off होता है, तो उसका कारण ज्यादातर बाह्य होते हैं: पीएम मोदी #ParikshaPeCharcha2020 pic.twitter.com/QyVPvNZHuN
— BJP (@BJP4India) January 20, 2020
मेरा मानना है कि नौजवानों का मूड ऑफ होना ही नहीं चाहिए। क्या हमने कभी सोचा है कि मूड ऑफ क्यों होता है- अपने कारण से या बाहरी परिस्थिति से। ज्यादातर केसों में बाहर की परिस्थितियां ज्यादा जिम्मेवार होती हैं। जैसे आपने मां को कहा कि मैं पढ़ रहा हूं। मां को छह बजे चाय के लिए बोल दिया। मगर आप बीच-बीच घड़ी देखते हैं और चाय का इंतजार करते हैं। इस दौरान आपके अंदर तूफान खड़ा हो जाता है। आपका 15 मिनट समय बर्बाद हो जाता है। आप मां पर गुस्सा करने लगते हैं। आप ये सोचना लगते हैं कि मां क्यों नहीं समझती है कि मेरा समय बर्बाद हो रहा है। फिर आपके मन में विचार आता है कि क्या कुछ मां को हो तो नहीं गया, जिसकी वजह से देर हुई। ऐसी बातों से ही आपका मूड खराब होता है। अपेक्षा रखना छोड़ दीजिए। अपेक्षा पूरी न होने से मूड खराब हो जाता है।