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Corona से जंग के बीच PM ने राज्यों से मांगे बकाये पैसे; हिमाचल ने कल ही मांगा था 420 करोड़ Loan
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे को देखते हुए पूरे देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन (Lockdown) पर रखा गया है। इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात की। इस दौरान उन्होंने सभी राज्य सरकारों से मेडिकल किट, बकाये पैसे के साथ ही आर्थिक मदद की मांग की है। बता दें कि पीएम मोदी द्वारा बकाये पैसे की मांग उस समय उठाई गई है, जब हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सरकार ने एक दिन पहले ही 420 करोड़ रुपए के कर्ज (Loan) के लिए आवेदन किया है। हालांकि, इस कर्ज के बदले में राज्य सरकार रिजर्व बैंक के पास अपनी प्रतिभूतियों को गिरवी रखेगी। गौरतलब है कि वर्तमान में हिमाचल सरकार पर करीब 55000 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ा हुआ है।
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हालांकि इस बैठक के दौरान अन्य राज्यों द्वारा भी केंद्र से मदद की मांग की गई है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने 2500 करोड़ के मदद की मांग की है। इसके साथ ही 50 हजार करोड़ के पुराने बकाये की भी मांग की गई है। पश्चिम बंगाल की ही तरह पंजाब ने भी 60 हजार करोड़ के पुराने बकाये की मांग की है। इसके साथ ही पंजाब ने नए फसल के आने से पहले केंद्र सरकार से दो लाख मीट्रिक टन गेहूं को रखने की व्यवस्था करने की मांग की। वहीं आज हुई मीटिंग में राज्यों ने केंद्र से पूछा कि लॉकडाउन कब तक लागू रहेगा?वहीं इस मीटिंग के दौरान नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण स्कीम को प्रदेशों सरकारों से लागू करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें कोशिश करें कि पलायन को रोका जा सके, इसके साथ ही गरीबों को उनके खाते में पैसा और राशन मिल जाए। राज्य सरकारों ने केंद्र से लॉकडाउन को बढ़ाए जाने को लेकर सवाल पूछे। सरकारों ने पूछा कि क्या लॉकडाउन को बढ़ाने का प्लान है। मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा- कोरोना को हराने के लिए सभी मत और विचारधारा के लोगों का एकजुट होना जरूरी है। अपनी आस्था और पंथ को बचाने के लिए भी पहले कोरोना को हराना होगा, सभी धर्मगुरुओं को यह समझाएं। राज्य स्तर पर समाज के लोग, धर्मगुरू बैठक करें और लोगों को इस लड़ाई में भागीदार बनने के लिए समझाएं। राज्य, जिला, शहर, ब्लॉक और थाना स्तर पर धर्मगुरुओं की यह बैठक तत्काल होनी चाहिए।
मोदी ने कहा- कोरोनावायरस के खिलाफ युद्ध अभी शुरु ही हुआ है। कोरोनावायरस ने हमारी आस्था, विश्वास, विचारधारा पर भी हमला बोला है। इसलिए हमें अपनी आस्था, पंथ, विचारधारा को बचाने के लिए कोरोनावायरस को परास्त करना पड़ेगा। आज आवश्यकता है कि सभी विचारधारा, समुदाय के लोग एकजुट होकर कोरोना को पराजित करें। मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केंद्र और राज्यों द्वारा अब तक उठाए गए कदमों और कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए नई रणनीतियों पर भी बात की। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ। हर्षवर्धन और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहे।