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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए 53वीं बार देशवासियों को संबोधित किया। यह लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के पहले का आखिरी कार्यक्रम था इसलिए पीएम ने ट्विटर (Twitter) पर इसकी जानकारी पहले ही दे दी थी। पीएम ने कहा, दोस्तों, चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव होता है। अगले दो महीने, हम सभी चुनाव की गहमा-गहमी में व्यस्त होगें। मैं स्वयं भी इस चुनाव में एक प्रत्याशी रहूंगा। स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा का सम्मान करते हुए अगली मन की बात (Mann Ki Baat) मई महीने के आखरी रविवार को होगी।
पीएम मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama terrorist attack) के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने कहा, भारत-माता की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले, देश के सभी वीर सपूतों को मैं नमन करता हूं। यह शहादत, आतंक को समूल नष्ट करने के लिए हमें निरंतर प्रेरित करेगी, हमारे संकल्प को और मजबूत करेगी। पुलवामा के आतंकी हमले में वीर जवानों की शहादत के बाद देश-भर में लोगों के मन में आघात और आक्रोश है। हमारे सशस्त्र बल हमेशा ही अद्वितीय साहस और पराक्रम का परिचय देते आए हैं। शांति की स्थापना के लिए जहां उन्होंने अद्भुत क्षमता दिखायी है वहीं हमलावरों को भी उन्हीं की भाषा में जवाब देने का काम किया है।
पीएम ने कहा, मुझे आश्चर्य भी होता था और पीड़ा भी कि भारत में कोई National War Memorial नहीं था। एक ऐसा मेमोरियल, जहां राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की शौर्य-गाथाओं को संजो कर रखा जा सके। मैंने निश्चय किया कि देश में, एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिए।
राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का डिजाईन, हमारे अमर सैनिकों के अदम्य साहस को प्रदर्शित करता है। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का concept, Four Concentric Circles यानी चार चक्रों पर केंद्रित है- अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र, रक्षक चक्र।
मैं आशा करता हूं कि आप राष्ट्रीय सैनिक स्मारक और National Police Memorial को देखने जरूर जाएंगे। आप जब भी जाएं वहां ली गई अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर अवश्य शेयर करें ताकि दूसरें लोग इस मेमोरियल को देखने के लिए उत्सुक हों।
पीएम ने कहा, जमशेद जी टाटा ने देश को बड़े-बड़े संस्थान दिए हैं। वे जानते थे कि भारत को sci, tech, industry का हब बनाना भविष्य के लिए आवश्यक है। ये उनका ही विजन था जिससे Tata Institute of Science की स्थापना हुई, Tata Steel जैसे कई विश्वस्तरीय संस्थान, उद्योगों की स्थापना हुआ।
मैं आज आप सब के साथ एक ऐसे दिल को छूने वाले अनुभव के बारे में बात करना चाहता हूं जो पिछले कुछ दिनों से मैं महसूस कर रहा हूं। कुछ दिन पहले मैं काशी गया था। वहां मुझे दिव्यांग भाई-बहनों के साथ समय बिताने का मौका मिला। उनसे कई विषयों पर चर्चा हुई और उनका आत्मविश्वास वाकई प्रभावित करने वाला था-प्रेरक था।
पीएम ने कहा, हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी भाई देसाई का जन्म 29 फरवरी को हुआ था। सहज, शांतिपूर्ण व्यक्तित्व के धनी, मोरारजी भाई देश के सबसे अनुशासित नेताओं में से थे। मोरारजी भाई देसाई के कार्यकाल के दौरान ही 44वां संविधान संशोधन लाया गया। यह महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि इमरजेंसी के दौरान जो 42वां संशोधन लाया गया था, जिसमें सुप्रीमकोर्ट की शक्तियों को कम करने और दूसरे ऐसे प्रावधान थे, उनको वापिस किया गया।
पीएम ने कहा, आतिश मुखोपाध्याय जी ने लिखा है कि वर्ष 1900 में 3 मार्च को, अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को गिरफ्तार किया था तब उनकी उम्र सिर्फ 25 साल की थी ये संयोग ही है कि 3 मार्च को ही जमशेदजी टाटा की जयंती भी है। ये दोनों व्यक्तित्व पूरी तरह से दो अलग-अलग पारिवारिक पृष्ठभूमि से हैं जिन्होंने झारखण्ड की विरासत और इतिहास को समृद्ध किया. ‘मन की बात’ में ‘बिरसा मुंडा’ और ‘जमशेदजी टाटा’ को श्रद्धांजलि देने का एक प्रकार से झारखंड के गौरवशाली इतिहास और विरासत को नमन् करने जैसा है। इन दो महान विभूतियों ने झारखण्ड का नहीं पूरे देश का नाम बढ़ाया है. पूरा देश उनके योगदान के लिए कृतज्ञ है. आज, अगर हमारे नौजवानों को मार्गदर्शन के लिए किसी प्रेरणादायी व्यक्तित्व की जरुरत है तो वह है भगवान ‘बिरसा मुंडा’।
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