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माराडोना को #PM_Modi ने दी श्रद्धांजलि, गोवा में स्थापित होगी विशाल प्रतिमा
Last Updated on November 26, 2020 by Sintu Kumar
फुटबॉल का दूसरा नाम कहे जाने वाले डिएगो माराडोना (#diegomaradona) की मौत पर पीएम नरेंद्र मोदी (@narendramodi) ने गहरा दुख जताया है। अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी (Argentina Star Player) माराडोना ने 60 वर्ष की उम्र में हृदयघात से बुधवार रात दुनिया को अलविदा कहा। पीएम मोदी ने संवेदना जताते हुए कहा, अपने बेहतरीन करियर में उन्होंने हमें फुटबॉल के मैदान पर कुछ बेहतरीन खेल के क्षण दिए, उनके असामयिक निधन ने हम सभी को दुखी किया है।
Diego Maradona was a maestro of football, who enjoyed global popularity. Throughout his career, he gave us some of the best sporting moments on the football field. His untimely demise has saddened us all. May his soul rest in peace.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2020
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी माराडोना के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह एक ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्होंने अपने खेल से लाखों लोगों को सम्मोहित किया। नायडू के हवाले से ट्वीट में कहा गया है कि उनका अचानक निधन फुटबॉल की दुनिया का एक भारी नुकसान है। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट कर लिखा है कि डिएगो माराडोना, एक लीजैंड अब हमारे बीच नहीं रहे। वह ऐसे जादूगर थे जिन्होंने दिखाया कि फुटबॉल का खेल खूबसूरत क्यों कहा जाता है, उनके परिवार, दोस्तों, प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना।
Diego #Maradona, the legend has left us. He was a magician who showed us why football is called “The beautiful game”.
My condolences to his family, friends and fans.
Gracias Argentina.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 25, 2020
गोवा सरकार (Goa Government) अगले साल की शुरुआत में पूर्वी जिले के तटीय इलाके में इस महान फुटबॉलर की विशाल प्रतिमा लगाने जा रही है। प्रदेश सरकार के मंत्री माइकल लोबो ने बताया किए माराडोना की प्रतिमा पहले से ही बन रही है। महाराष्ट्र के एक कलाकार उस पर काम कर रहे हैं। लोबो ने 2018 में ही प्रदेश में माराडोना की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की थी। माराडोना पिछले लंबे समय से कोकीन की लत और मोटापे से जुड़ी कई परेशानियों से जूझ रहे थे। दो सप्ताह पहले ही दिमाग के ऑपरेशन के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। अपनी अगुवाई में अर्जेंटीना को 1986 का विश्व कप दिलाने के साथ ही वह दो दशक से अपने लंबे करियर में फुटबॉल प्रेमियों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र रहे। नशे की लत और राष्ट्रीय टीम के साथ नाकामी ने उनकी साख को ठेस पहुंचाई।