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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज 62वें अंक में मन की बात कार्यक्रम (Mann Ki Baat program) से देशवसियों को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मन की बात कार्यक्रम में हुनर हाट, अंतरिक्ष और कॉप कन्वेंशन का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा कि हुनर हाट में भाग लेने वाले कारीगरों में पचास प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। पिछले तीन वर्षों में हुनर हाट के माध्यम से तीन लाख कारीगरों, शिल्पकारों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं।
हुनर हाट कला के प्रदर्शन के लिए बेहतरीन मंच है, साथ ही साथ लोगों के सपनों को भी पंख दे रहा है। यहां देश की विविधता को अनदेखा करना असंभव है। शिल्पकला तो है ही, साथ ही हमारे खाने-पीने की विविधता भी है। कुछ दिनों पहले, मैंने दिल्ली के हुनर हाट में एक छोटी सी जगह में हमारे देश की विशालता, संस्कृति, परंपराओं, खानपान और जज्बातों की विविधताओं के दर्शन किए।
LIVE: PM Shri @narendramodi's #MannKiBaat with the nation. https://t.co/H5xmuqCHJ0
— BJP (@BJP4India) February 23, 2020
इन दिनों हमारे देश के बच्चों और युवाओं में साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रति रूचि लगातार बढ़ रही है। अंतरिक्ष में रिकॉर्ड सैटेलाइट का प्रक्षेपण, नए-नए रिकॉर्ड, नए-नए मिशन हर भारतीय को गर्व से भर देते हैं। बच्चों के, युवाओं के उत्साह को बढ़ाने के लिए उनमें साइंटिफिक टैंपर को बढ़ाने के लिए एक और व्यवस्था शुरु की गई है। अब आप श्रीहरिकोटा से होने वाले रॉकेट लॉन्चिंग को सामने बैठकर देख सकते हैं। हाल ही में इसे सबके लिए खोल दिया गया है।
Inspiring anecdote from Bihar that would inspire many Indians… #MannKiBaat pic.twitter.com/j1f0CbNIII
— PMO India (@PMOIndia) February 23, 2020
31 जनवरी, 2020 को लद्दाख़ की खूबसूरत वादियां, एक ऐतिहासिक घटना की गवाह बनी। लेह के कुशोक बाकुला रिम्पोची एयरपोर्ट से भारतीय वायुसेना के AN-32 विमान ने जब उड़ान भरी तो एक नया इतिहास बन गया। इस उड़ान में 10% इंडियन Bio-jet fuel का मिश्रण किया गया था। हमारा नया भारत अब पुराने approach के साथ चलने को तैयार नहीं है। खासतौर पर New India की हमारी बहनें और माताएं तो आगे बढ़कर उन चुनौतियों को अपने हाथों में ले रही हैं।
बिहार के पूर्णिया की कहानी देश के लोगों को प्रेरणा से भर देने वाली है। विषम परिस्थितियों में पूर्णिया की कुछ महिलाओं ने एक अलग रास्ता चुना। पहले इस इलाके की महिलाएं, शहतूत या मलबरी के पेड़ पर रेशम के कीड़ों से कोकून तैयार करती थीं। जिसका उन्हें बहुत मामूली दाम मिलता था। आज पूर्णिया की महिलाओं ने एक नई शुरुआत की और पूरी तस्वीर ही बदल कर के रख दी। इन महिलाओं ने सरकार के सहयोग से मलबरी-उत्पादन समूह बनाए। इसके बाद उन्होंने कोकून से रेशम के धागे तैयार किये फिर उन धागों से खुद ही साड़ियां बनवाना शुरू कर दिया जो अब हजारों रुपयों में बिक रही हैं।
India’s Nari Shakti is scaling newer heights! India is proud of them…. #MannKiBaat pic.twitter.com/hqXkNXHFLO
— PMO India (@PMOIndia) February 23, 2020
मैं आपके साथ बारह साल की बेटी काम्या कार्तिकेयन की उपलब्धि की चर्चा जरूर करना चाहूंगा। काम्या ने सिर्फ 12 साल की उम्र में ही Mount Aconcagua को फ़तेह करने का कारनामा कर दिखाया है। ये दक्षिण अमेरिका में ANDES पर्वत की सबसे ऊंची चोटी है। जो करीब 7,000 मीटर ऊंची है।
अगर हम जीवन में प्रगति करना चाहते हैं, विकास करना चाहते हैं, कुछ कर गुजरना चाहते हैं तो पहली शर्त यही होती है, कि हमारे भीतर का विद्यार्थी कभी मरना नहीं चाहिए। हमारी 105 वर्ष की भागीरथी अम्मा, हमें यही प्रेरणा देती है: 10 साल से कम उम्र में उन्हें अपना school छोड़ना पड़ा था। 105 साल की उम्र में उन्होंने फिर school शुरू किया, पढ़ाई शुरू की। इतनी उम्र होने के बावजूद उन्होंने level-4 की परीक्षा दी और 75% अंक प्राप्त किए।
PM @narendramodi talks about India's environment, India's efforts to create sustainable habitats for migratory species and a unique discovery in Meghalaya… pic.twitter.com/3RaCMdWrHI
— PMO India (@PMOIndia) February 23, 2020
आने वाले महीने adventure sports के लिए बहुत उपयुक्त हैं। भारत की भौगोलिक स्थिति ऐसी है जो हमारे देश में adventure Sports के लिए ढेरों अवसर प्रदान करती है। आप अपने जीवन को adventure के साथ जरूर जोड़ें।
Inspiring anecdote from Bihar that would inspire many Indians… #MannKiBaat pic.twitter.com/j1f0CbNIII
— PMO India (@PMOIndia) February 23, 2020
हाल ही में देशभर में महा-शिवरात्रि का पर्व मनाया गया है। भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद देश की चेतना को जागृत किये हुए हैं। होली के बाद चैत्र शुक्ल-प्रतिपदा से भारतीय विक्रमी नव-वर्ष की शुरुआत भी होती है उसके लिए भी, भारतीय नव-वर्ष की भी, मैं आपको अग्रिम शुभकामनायें देता हूं।
अगली ‘मन की बात’ तक तो मुझे लगता है शायद विद्यार्थी परीक्षा में व्यस्त होंगें। जिनकी परीक्षा पूरी हो गई होगी, वो मस्त होंगें। जो व्यस्त हैं, जो मस्त हैं, उनको भी, अनेक-अनेक शुभकामनाएं देते हुए आइये, अगली ‘मन की बात’ के लिए अनेक-अनेक बातों को लेकर के फिर से मिलेंगे।
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