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#PM_Modi ने गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब पहुंच कर गुरु तेग बहादुर को दी श्रद्धांजलि
Last Updated on December 20, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) अचानक आज सुबह राजधानी में गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब ( Gurudwara Rakaab Ganja sahib) पहुंचे और उन्होंने यहां पर गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी। आज गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस है। इससे पहले पीएम मोदी ने गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर पंजाबी में ट्वीट भी किया। ‘श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन साहस और करुणा का प्रतीक है। महान श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर मैं उन्हें नमन करता हूं और समावेशी समाज के उनके विचारों को याद करता हूं।’
ਤਿਲਕ ਜੰਵੂ ਰਾਖਾ ਪ੍ਰਭ ਤਾ ਕਾ ॥
ਕੀਨੋ ਬਡੋ ਕਲੂ ਮਹਿ ਸਾਕਾ ॥
ਧਰਮ ਹੇਤਿ ਸਾਕਾ ਜਿਨਿ ਕੀਆ ॥
ਸੀਸੁ ਦੀਆ ਪਰ ਸਿਰਰੁ ਨ ਦੀਆ ॥
🙏🏻
ਅਜਿਹੇ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ਚਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਗੁ. ਸ੍ਰੀ ਰਕਾਬ ਗੰਜ ਸਾਹਿਬ ਵਿਖੇ ਨਤਮਸਤਕ ਹੋਇਆ
ਗੁਰੂ ਜੀ ਨੇ ਹਿੰਦੂ ਧਰਮ ਦੀ ਰਾਖੀ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਆਪਣਾ ਆਪ ਵਾਰ ਕੇ ਸਰਬ-ਸਾਂਝੀਵਾਲਤਾ ਦਾ ਸੁਨੇਹਾ ਦਿੱਤਾ pic.twitter.com/zhHH1dscUw— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
सुबह जैसे ही गुरुद्वारे में पीएम मोदी की आने की सूचना मिली सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। दिल्ली पुलिस के बड़े अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। बता दें कि सिख समुदाय के लोग आज शहीद दिवस मना रहे हैं। लोग गुरु तेग बहादुर जी को याद कर रहे हैं।
Some more glimpses from Gurudwara Rakab Ganj Sahib. pic.twitter.com/ihCbx57RXD
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
पंजाबी समुदाय आज गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस मना रहा है। 10 सिख गुरुओं में से नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर का जन्म 1621 में हुआ था वे दसवें गुरु गोविंद सिंह के पिता भी थे। सिखों के गुरु के तौर पर उनका कार्यकाल 1665 से 1675 तक रहा। उन्होंने धर्म का प्रचार करने के लिए पूरे उत्तर और पूर्वी भारत का भ्रमण किया। उन्होंने मुगल साम्राज्य के अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की थी।
ਤਿਲਕ ਜੰਵੂ ਰਾਖਾ ਪ੍ਰਭ ਤਾ ਕਾ ॥
ਕੀਨੋ ਬਡੋ ਕਲੂ ਮਹਿ ਸਾਕਾ ॥
ਧਰਮ ਹੇਤਿ ਸਾਕਾ ਜਿਨਿ ਕੀਆ ॥
ਸੀਸੁ ਦੀਆ ਪਰ ਸਿਰਰੁ ਨ ਦੀਆ ॥
🙏🏻
ਅਜਿਹੇ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ਚਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਗੁ. ਸ੍ਰੀ ਰਕਾਬ ਗੰਜ ਸਾਹਿਬ ਵਿਖੇ ਨਤਮਸਤਕ ਹੋਇਆ
ਗੁਰੂ ਜੀ ਨੇ ਹਿੰਦੂ ਧਰਮ ਦੀ ਰਾਖੀ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਆਪਣਾ ਆਪ ਵਾਰ ਕੇ ਸਰਬ-ਸਾਂਝੀਵਾਲਤਾ ਦਾ ਸੁਨੇਹਾ ਦਿੱਤਾ pic.twitter.com/zhHH1dscUw— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
सन् 1675 में धर्म की रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर ने अपना बलिदान दिया था। मुगल बादशाह औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर जी को मौत की सजा सुनाई थी मुगल बादशाह के आदेश पर सबके सामने गुरु जी का सिर कलम कर दिया गया था।
दिल्ली में स्थित है उनका शहीद स्थल
दिल्ली स्थित गुरुद्वारा शीश गंज साहिब और गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब उनके सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक स्थल हैं।