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शिमला। चौपाल के जंगलों में सिडार वुड आयल मिलने के बाद अब देवदार के छोटे-छोटे नग भी बरामद हो रहे हैं। चौपाल में वन विभाग की टीम ने एक व्यक्ति के कब्जे से देवदार के ऐसे 165 नग बरामद किए हैं। वन विभाग की टीम द्वारा सरैण वन रेंज में चलाए गए विशेष चैकिंग अभियान के दौरान एक व्यक्ति के कब्जे से ये छोटे-छोटे नग बरामद किए हैं। वन विभाग ने इस संबंध में आज चौपाल पुलिस थाने में धबास के बहाल फराच के मंगतराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 379 और इंडियन फारेस्ट एक्ट की धारा 32, 33 और 42 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मामला दर्ज होने के बाद इस मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
समझा जाता है कि ये छोटे-छोटे तेल निकालने के लिए इकट्ठे किए होंगे। उधर, शिमला जिले के झाकड़ी में थाने के तहत सराहन तहसील के फांचा वन बीट में वन भूमि में आग लगने से देवदार के कई पेड़ जल गए हैं। पुलिस के मुताबिक वन भूमि में लगी आग से देवदार समेत अन्य प्रजातियों के करीब 3200 पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। फांचा वन बीट की वन रक्षक ऊषा ने इस संबंध में पुलिस में मामला दर्ज किया। पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी की धारा 285 के तहत मामला दर्ज किया है।
कोटखाई के थरोला पंचायत के मराथु खड्ड से ऊपर घासनी में आग लगी हुई है। आज के कारण रौणी, दवांडी, चाड़का, पडारा आदि गावों के कई लोगों के खेत और बागीचे भी इसकी चपेट में आए हैं। वहीं रौणी के एक बागवान की गाय भी इसकी चपेट में आई है। साथ ही पेड़ और नाशपती के सैकड़ों पेड़ झुलस गए हैं। आग लगने के बाद स्थानीय लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया। साथ ही कोटखाई से फायर ब्रिगेड के पहुंचने से आग बुझाने में आसानी हुई और फिर जाकर आग पर काबू पाया जा सका।
थरोला पंचायत के प्रधान राकेश चौहान ने कहा कि आग रौणी खड्ड से ऊपर को आग लगनी शुरू हुई और इसकी चपेट में सेब और नाशपती के सेब के पौधे आए। आग लगने से सेब के तीन सौ से अधिक पेड़ झुलसे हैं। उन्होंने कहा कि आग की चपेट में रौणी गांव के जौहन लाल शर्मा की गाय भी आई है। साथ ही घास भी जला है। उनका कहना था कि स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि घासनी में आग लगने के बाद कोटखाई से फायर ब्रिगेड की टीम भी आई और इससे आग बुझाने में बहुत मदद मिली और आग को बुझाया जा सका।
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