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हमीरपुर। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को लाभ पहुंचाने की दिशा में शुरू की योजना का राजनीतिक दुरुपयोग कुछ दलों ने किया है। सामान दिल्ली से मोदी सरकार भेज रही है। लेकिन, स्टीकर और फोटो उस पर किन्हीं और राजनीतिक दलों के नेताओं का लगा हुआ है। और तो और इस योजना का लाभ लेने वाले पात्र लोगों की रजिस्ट्रेशन के लिए मात्र दस रुपये लगते हैं, लेकिन चुनावों में जब वह जिला भर में घूमे थे, तब पता चला कि किसी जगह सौ-डेढ़ सौ, तो किसी जगह दौ सौ यहां तक कहीं पर तो पांच पांच सौ रुपये तक गरीब लोगों से रजिस्ट्रेशन के लेकर उनका शोषण किया गया।
यह बात पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने दो- सड़का में भवन एवं अन्य सनिर्माण कामगार संघ द्वारा आयोजित एक जागरुकता कार्यक्रम में कही। बतौर मुख्यातिथि उपास्थित हुए पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने उपस्थित लोगों को संबोधन करते हुए कहा कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को लाभ पहुंचाने की दिशा में काम हुआ है, जो पहले कभी नहीं हुआ था। उद्योगों और कार्यालयों में काम करने वाले लोगों के लिए यूनियनें होती हैं। लेकिन, असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे मजदूर अपनी समस्याओं को कहां उठाएं, इसके लिए लेबर वेलफेयर बोर्ड का गठन किया गया। मोदी सरकार की सोच थी कि इन लोगों को राहत प्रदान की जाए, जो सुविधाएं अमीर आदमी अपने पैसे से खरीद लेता है, वह सुविधाएं गरीब कामगारों, भाई बहनों को भी मिलें।
धूमल ने कहा कि आज वह यही बात कहने के लिए यहां आए हैं कि गुमराह करने वालों के बचें। लेबर वेलफेयर बोर्ड द्वारा दिया जा रहा सामान एवं अन्य लाभ भवन निर्माण एवं मनरेगा में लगे पात्र कामगारों का अधिकार है और इस अधिकार को प्राप्त करने के लिए वह लोग किसी भी शोषण का शिकार ना हों।
धूमल ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वह अपने क्षेत्र से संबंधित पात्र कामगारों को इस योजना की जानकारी पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि जो कामगार इस बोर्ड से पंजीकृत हैं, उनको इस सामान के साथ उनके बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा तक का खर्च, शादी एवं बीमारी के इलाज के लिए भी आर्थिक मदद का भी प्रावधान है। धूमल ने कहा कि कामगार भाइयों और बहनों को सही जानकारी मिले, सबको लाभ मिले पर किसी का शोषण न हो।
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