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आलू की सुनो कहानी
ऊना। लगातार मुसीबतों से जूझ रहे कृषि कारोबार का असर इस बार आलू की फसल पर भी व्यापक रूप में पड़ा है। हालत यह है कि इस सीजन कृषि कारोबारियों ने आलू की फसल की बिजाई करने से भी हाथ खींचना शुरू कर दिया है। आलू बीज की आसमान छूती कीमतों ने जहां एक तरफ किसानों की कमर तोड़ दी है। वही उन्हें इस बार सीमित स्तर पर आलू की फसल बोने को भी मजबूर कर दिया है। कुल मिलाकर खेती कारोबार की मुसीबतें किसी भी क्षेत्र से कम होती नजर नहीं आ रही है। बड़े स्तर पर खेती करने वाले कृषकों ने जहां इस बार आलू की फसल को सीमित कर दिया है। वहीं छोटे स्तर पर खेती करने वाले किसान आलू फसल के सीजन से पूरी तरह मुंह मोड़ गए हैं। पिछले साल 18 से 20 रुपए प्रति किलो ग्राम मिलने वाला आलू का बीज इस बार 40 रुपए प्रति किलोग्राम तक जा पहुंचा है। केवल बीज ही नहीं किसानों को खादों और कीटनाशकों के दाम भी आलू फसल की बिजाई से परे रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।