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Coronavirus के चलते घाटे में पोल्ट्री उद्योग, Haryana में तीन हजार करोड़ का नुकसान
Last Updated on March 16, 2020 by
गुरुग्राम। कोरोना वायरस का असर हर व्यवसाय पर पड़ा है, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान पोल्ट्री उद्योग (Poultry industry) को उठाना पड़ा रहा है। चिकन की बिक्री में 80 प्रतिशत तक कमी आने से मुर्गी और अंडे के रेटों में भारी गिरावट आ गई है। हालांकि इस बारे में पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर चिकन और मांस खाने से कोरोना फैलने से इनकार किया है। इसके बाद भी लोग चिकन और अंडा खाने से बच रहे हैं। रायपुररानी क्षेत्र के पोल्ट्री उद्योग को 20 दिन में अब तक करीब तीन हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
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बरवाला रायपुररानी क्षेत्र में स्थित एशिया की दूसरे नंबर की पोल्ट्री बेल्ट है। हरियाणा पोल्ट्री एसोसिएशन (Haryana Poultry Association) के प्रधान दर्शन सिंगला का कहना है कि बरवाला व रायपुररानी क्षेत्र से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, कोलकाता, बिहार, दिल्ली, असम और उत्तर-प्रदेश सहित कई राज्यों को अंडा और मुर्गी सप्लाई की जाती है। करीब 20 दिन से बरवाला रायपुररानी क्षेत्र के पोल्ट्री उद्योग को अब तक करीब तीन हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।
पहले मुर्गी का रेट 50 रुपये किलो था जो अब घटकर 4 रुपये किलो रह गया है। वहीं, अंडे का रेट 4 रुपये 80 पैसे से घटकर 2 रुपये 30 पैसे रह गया है। लोग चिकन खाने से भी परहेज कर रहे हैं। इसके चलते बाजार में भी चिकन की मांग में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। पोल्ट्री फार्म संचालकों को मुर्गियों की खुराक जैसे मक्की, बाजरा व अन्य की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। पोल्ट्री उद्योग बंद करने की नौबत आ गई है। पोल्ट्री एसोसिएशन ने सरकार से पोल्ट्री उद्योग को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।