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प्रचंड ने फिर मारी पलटी; बोले- चीन के सैन्य गठबंधन में शामिल नहीं होगा नेपाल
Last Updated on September 25, 2023 by Soumitra Roy
काठमांडू। चीन के दौरे पर नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड (Nepalese PM Pushpa Kamal Dahal Prachand) ने चीनी सैन्य गठबंधन में शामिल होने से इनकार कर दिया है। प्रचंड ने चीनी नेतृत्व को साफ-साफ कह दिया है कि उनका देश ग्लोबल सिक्यॉरिटी इनिशिएटिव (GSI) में शामिल नहीं होगा। चीन के जीएसआई को एशियाई नाटो (Asian NATO) कहा जाता है जो वह भारत, अमेरिका की सदस्यता वाले क्वॉड (Quad) को टक्कर देने के लिए बना रहा है। इसे नेपाल की पलटी (U-Turn) माना जा रहा है, क्योंकि एक दिन पहले ही प्रचंड ने चीन के पक्ष में बयान दिया था।
प्रचंड के बयान के बाद अब चीन ने आज जारी होने वाले संयुक्त बयान में इस मुद्दे को शामिल करने की कोशिश तेज कर दी है। इससे पहले प्रचंड ने चीन के बीआरआई (BRI) के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा था कि चीन जीएसआई, जीसीआई और जीडीआई में शामिल होने के लिए जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि चीन के ग्लोबल डेवलपमेंट इनिशिएटिव (GDI) में शामिल होने पर कोई दिक्कत नहीं है।
चीन डाल रहा दबाव
प्रचंड ने इस इंटरव्यू में कहा था, ‘हम सुरक्षा से जुड़े मुद्दों में नहीं जा सकते हैं। यह हमारी नीति रही है कि किसी के पक्ष में नहीं जाना है। हमारी गुट निरपेक्षता की नीति रही है। अगर हम अमेरिकी पहल में शामिल नहीं हो रहे हैं तो दूसरे में भी शामिल नहीं हो सकते हैं।’ इस बयान के एक दिन बाद प्रचंड ने शी जिनपिंग (Xi Jin Ping) के साथ मुलाकात के बाद विवादित बयान दिया था। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि नेपाल शी जिनपिंग के प्रमुख महत्वपूर्ण पहलों को अपना समर्थन देता है।
नेपाल की पलट जाने से नाखुश है चीन
साल 2013 में शी जिनपिंग के चीन के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने बीआरआई, जीडीआई, जीएसआई और जीसीआई जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं। चीन चाहता है कि नेपाल खुलकर इसे अपना समर्थन दे। अब चीन के विदेश मंत्रालय के दावे से नेपाली पीएम के पहले के बयान पर सवाल उठने लगे हैं। नेपाल के एक अधिकारी ने कहा, ‘चीन संयुक्त बयान में जीएसआई और जीसीआई को लेकर कुछ शामिल कराना चाहता है, लेकिन हमने इस पर आपत्ति जताई है।’ नेपाली अधिकारी ने कहा कि हम चीन के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि सुरक्षा और रणनीतिक गठजोड़ से जुड़े किसी भी पहलू को संयुक्त बयान में शामिल नहीं किया जाए। हम जीएसआई का हिस्सा नहीं बनने जा रहे हैं और इस दिशा में कोई वादा भी नहीं करेंगे।’