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धर्मशाला/शिमला। जमा दो के कंप्यूटर साइंस (Computer Science) के प्रैक्टिकल पेपर में बड़ी लापरवाही सामने आई है। आज 12वीं के कंप्यूटर साइंस प्रैक्टिकल का पेपर था। इसमें ग्रुप एक में सेट किए गए पेपर का सिलेबस पैटर्न पुराना ही डाल दिया गया। यह लापरवाही छात्रों पर भारी पड़ी है। इस बार छात्रों को कायदे के अनुसार नए सिलेबस का प्रश्न पत्र दिया जाना था। राजकीय अध्यापक संघ के राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने इस लापरवाही का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा 12 बजे तक किसी प्रकार का लिखित आदेश जारी नहीं किया। इस दौरान परीक्षा देने आए पूरे हिमाचल में छात्रों के बीच में हड़कंप मचा हुआ था। उन्होंने कहा कि एक ओर प्रदेश सरकार स्कूली छात्रों को विभिन्न तरह की सहूलियतें प्रदान कर शिक्षक व शिक्षा हित की बात कर रही है।
दूसरी ओर स्कूल शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष मनमाने फैसले ले कर छात्रों की हितों से खिलवाड़ कर रहे हैं, जिसे हर हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उधर, राजकीय अध्यापक संघ के चेयरमैन सचिन जसवाल ने कहा है कि बोर्ड द्वारा स्कूली बच्चों की परीक्षा फीसों में भी बेतहाशा वृद्धि की गई है जिस से साबित होता है कि शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं को मात्र कमाई का जरिया बना रहा। बोर्ड ने कंप्यूटर साइंस का सलेबस सत्र की शुरूआत में न बदल कर बीच सत्र में बदला, जिससे भी बच्चों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिसे राजकीय अध्यापक संघ द्वारा कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इसके खिलाफ प्रदेश के शिक्षक शीघ्र लामबंद होंगे। इसको लेकर प्रदेश भर की समस्त राज्य, जिला व खंड कार्यकारिणियों की अवश्य बैठक यथाशीघ्र बुलाई जा रही है, ताकि आगामी कार्ययोजना बनाई जा सके। उधर, हिमाचल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) के सचिव अक्षय सूद से बात करनी चाही तो बात नहीं हो सकी। सचिव कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी ने बोर्ड पीआरओ से बात करने को कहा। बोर्ड की पीआरओ ने बताया कि प्रैक्टिकल परीक्षा में बोर्ड का कोई रोल नहीं है। परीक्षा संबंधित स्कूल के टीचर ही लेते हैं।
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