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लोकिंदर बेक्टा/शिमला। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बिलासपुर सदर से कांग्रेस विधायक बंबर ठाकुर से स्पष्टीकरण मांगा है। पिछले दिनों उनसे जुड़ी कुछ घटनाओं में कितनी सच्चाई है और क्या कारण रहे कि उनके साथ डीएफओ और डॉक्टर का टकराव हुआ। इन मुद्दों को स्पष्ट करने को लेकर सुक्खू ने बंबर ठाकुर को पत्र लिखा है। उन्होंने जिलाध्यक्ष कमलेंद्र कश्यप से भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के मुताबिक सुक्खू ने इस संबंध में बंबर ठाकुर को पत्र भेजा है और उनसे पूछा है कि वास्तव में हुआ क्या है। उन्होंने पूछा है कि जो घटनाएं घटी, उसकी वस्तुस्थित क्या है, उसके बारे में जानकारी दी जाए।
बताते हैं कि सुक्खू ने जिलाध्यक्ष कमलेंद्र कश्यप से भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। उनसे पूछा है कि घटनाएं क्या थी और इनमें बंबर ठाकुर का नाम क्यों आ रहा है। उन्होंने इन दोनों नेताओं से 10 दिन के भीतर अपनी बात रखने को कहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और मीडिया प्रभारी नरेश चौहान ने विधायक बंबर ठाकुर को पत्र भेजे जाने की पुष्टि की है। गौर हो कि पिछले दिनों बंबर ठाकुर का बिलासपुर में पहले एक डीएफओ के साथ विवाद हो गया था। यह विवाद थमा ही नहीं था कि फिर बिलासपुर अस्पताल में आर्थो के डॉक्टर के साथ उनका नया विवाद खड़ा हो गया। आर्थो डॉक्टर के साथ विवाद इतना बढ़ गया था कि सीएम वीरभद्र सिंह को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने इस मामले की जांच करने को कह दिया। आर्थो चिकित्सक ने तो विधायक पर उन्हें डराने धमकाने की बात कहने के साथ-साथ उनके ट्रांसफर करने की धमकी देने का आरोप लगाया था।
उधर, विधायक बंबर ठाकुर ने कहा था कि उन्होंने किसी को नहीं डराया। बल्कि उनके पास आए एक गरीब का व्यथा सुनकर उनसे कुछ सवाल किए थे और गरीब से विकलांगता सर्टीफिकेट के एवज में पैसे से मांगने की जो बात आई थी, उस पर सवाल किया था। उन्होंने कहा था कि डॉक्टर ने खुद कहा था कि वह बिलासपुर में नहीं रहना चाहता और उनका यहां से तबादला करवा दिया जाए। इस बीच, आर्थो चिकित्सक के समर्थन में प्रदेश के चिकित्सक खड़े हो गए और मामला बढ़ता देख सीएम ने हस्तक्षेप किया और मामले की जांच की बात कही। इसके बाद यह मामला शांत हो गया था, लेकिन अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बंबर ठाकुर को पत्र लिखा है। इसमें उनसे इन घटनाओं को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
ऐसे में अब इस मामले पर राजनीति भी जरूर गरमाएगी, क्योंकि जब अपने संगठन ने ही विधायक से स्पष्टीकरण मांगा है तो विपक्ष भी हमलावर होगा, क्योंकि उनकी ओर बॉल खुद ही फेंकी जा रही है।
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