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Exclusive: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना या टेंशन, कुछ करो सरकार
Last Updated on February 8, 2020 by Deepak
सुरेश कुमार/कांगड़ा। गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) हिमाचल में टेंशन बन गई है। गर्भवती महिलाएं (Pregnant Women) और उनके परिजन ही नहीं बल्कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Anganwadi Worker) और सुपरवाइजर भी योजना से परेशान हैं। इस परेशानी का कारण एक तकनीकी पहलू है। कई महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें यह ही पता नहीं चल पा रहा है कि राशि किस खाते में गई है। ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi Worker) और महिलाओं के परिजनों के बीच कहासुनी की नौबत तक आ रही है। हालांकि योजना की निगरानी सीधे पीएम व राज्यों के सीएम रखते हैं। फिर भी यह परेशानी आ रही है।
क्या हो रही परेशानी
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के तहत गर्भवती महिलाओं को नगद राशि देने का प्रावधान है। इसके लिए महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi Worker) के पास फार्म भरना होता है। इसमें आधार कार्ड व खाता नंबर देना होता है। महिलाएं इसके तहत फार्म भर रही हैं और आधार कार्ड व खाता नंबर दे रही हैं। उनके मोबाइल पर मैसेज भी आ रहा है, लेकिन यह पता नहीं चल रहा है कि राशि किस खाते में गई। फार्म भरते जो खाता दिया गया है, उसमें राशि नहीं आ रही है। इससे महिलाओं और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं।
आखिर क्या है परेशानी का मुख्य कारण
नाम न छापने की शर्त पर आंगनबाड़ी सुपरवाइजरों ने बताया कि शादी से पहले महिलाओं ने खाते खुलवाए होते हैं। खाते आधार से अटैच होते हैं। जब ऑनलाइन पेमेंट डाली जा रही है तो पहले खुलवाए खाते को ही आधार उठा रहा है। कई महिलाओं को यह भी पता नहीं होता है कि उन्होंने शादी से पहले कहां खाते खुलवाए थे। इसके चलते यह परेशानी आ रही है।
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वहीं, कई बार आधार कार्ड ठीक होने के चलते उसे गलत बताया जा रहा है। लोग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और उनसे बुरा व्यवहार कर रहे हैं। साथ ही केस कर देने तक की धमकी दे रहे हैं। वहीं, महिलाएं भी जब फार्म भरें तो यह सुनिश्चित करें कि जो खाता नंबर दे रही हैं, वह आधार से अटैच हो। वहीं, एक सुपरवाइजर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अगर गर्भवती महिलाओं को राशि देनी ही है तो नगद दे दी जाए, ताकि इस परेशानी से बचा जा सके।
क्या है योजना
इस प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के द्वारा पात्र गर्भवती महिलाओं को पहली किस्त में एक हजार रुपए गर्भ के 150 दिनों के अंदर, दूसरी किस्त में 2000 रुपए 180 दिनों के अंदर व तीसरी किस्त में 2000 प्रसव के बाद व शिशु के प्रथम टीकाकरण चक्र पूरा होने पर मिलते हैं।
योजना का उद्देश्य काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना और उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना व गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और नकदी प्रोत्साहन के माध्यम से अधीन-पोषण के प्रभाव को कम करना है। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) को जनवरी 2017 में शुरू किया था। इसके तहत गर्भवतियों को पौष्टिक आहार के लिए सीधे उनके खाते में उक्त सहायता राशि भेजी जाती है। इस योजना पर सीधे पीएम व राज्यों के सीएम निगरानी रखते हैं।
क्या कहते हैं डीपीओ
जिला प्रोग्राम अधिकारी (DPO) कांगड़ा एट धर्मशाला रणजीत सिंह का कहना है कि ऐसे मामले उनके पास भी आ रहे हैं। कांगड़ा में ही करीब 12 करोड़ की राशि खातों में डाली गई है। ऐसे में एक दो मामले ऐसे आ ही जाते हैं। पैसे डालने में किसी प्रकार की कौताही नहीं बरती जा रही है। पर महिलाओं के शादी से पहले खुलवाए खातों में राशि आने से कई बार दिक्कत आ रही है। जिन्हें महिलाएं भी भूल चुकी होती हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सॉफ्टवेयर ही ऐसा है। देखेंगे अगर कोई हल निकलेगा।