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नई दिल्ली। देश के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने अपने 2 ट्वीट्स को लेकर खुद पर चले अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा लगाया गया 1 रुपए का जुर्माना सोमवार को भर दिया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह अदालत के फैसले को स्वीकार कर रहे हैं। प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर मीडियाकर्मियों से बात की और कहा कि वह आज शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर करने जा रहे हैं। प्रशांत भूषण अवमानना मामले जुर्माना राशि भरने के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री पहुंचे। उन्होंने ड्राफ्ट के ज़रिए राशि का भुगतान किया है।
जुर्माना भरने के बाद प्रशांत भूषण ने कहा कि एक सच्चाई कोष बनाया जा रहा है जिसका पैसा उनके लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जिनको सरकार के खिलाफ बोलने के कारण परेशान किया जा रहा है। भारत में आज अभिव्यक्ति की आज़ादी (Freedom of Expression) के तहत जो लोग सरकार के खिलाफ बोलते हैं, उनका मुंह बंद करने के लिए सरकार हर तरह का हथकंडा अपना रही है। वहीं, जुर्माना भरने से पहले उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी का गला घोंटा जा रहा है। आवाज़ उठाने वाले उमर खालिद और अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो रही है। ऐसे लोगों की मदद के लिए जन-जन से एक-एक रुपया जमा कर सत्य फंड बनाया जा रहा है। राजस्थान से किसान मजदूर संगठन के शंकर लाल, बालूराम और ग्यारसी बाई के साथ कई कार्यकर्ता एक-एक रुपए की राशि लेकर आए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में भूषण को सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की आलोचना करने वाले अपने ट्वीट के लिए आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया। अदालत ने 31 अगस्त को सजा के रूप में एक रुपए का टोकन जुर्माना लगाया था। भूषण को 15 सितंबर तक उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री के साथ राशि जमा करने के लिए कहा गया था, जिसमें विफल रहने पर उन्हें तीन महीने की जेल की अवधि और तीन साल के लिए कानून के व्यवहार से विचलन से गुजरना होगा।
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