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शिमला। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने शिमला नगर निगम चुनावों को स्थगित करने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार ने एक षड़यंत्र के तहत लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने गलत मनसूबों को पूरा करने के लिए सरकार ने संवैधानिक संस्थानों का भी दुरूपयोग करने से गुरेज नहीं किया। इस निर्णय से यह साबित हो गया है कि कांग्रेस कभी भी लोकतन्त्र की हिमायती पार्टी नहीं है। धूमल ने कहा कि संवैधानिक पदों पर ऐसे व्यक्तियों को बैठाया गया है जो सरकार की कठपुतली बनकर इस तरह के असंवैधानिक निर्णय ले रहे हैं।
प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि देश भर में चल रही भाजपा की लहर व शिमला में पीएम नरेन्द्र मोदी की विराट रैली की सफलता के पश्चात् से ही कांग्रेस सरकार के होश उड़े हुए थे। नगर निगम शिमला के चुनाव में निश्चित हार को सामने देखकर कांग्रेस नेताओं ने जो षड़यंत्र रचा है उसकी मिसाल प्रदेश के इतिहास में दूसरी नहीं होगी।
धूमल ने राज्य चुनाव आयुक्त के निर्णय को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि चुनाव आयुक्त ने सरकार के हाथों की कठपुतली बनकर अपने पद का दुरूपयोग किया है। संवैधानिक पद के इस तरह के दुरूपयोग के पश्चात् उन्हें इस पवित्र पद पर बैठने का अधिकार नहीं है। उन्हें अपने पद से तुरन्त इस्तीफा दे देना चाहिए अन्यथा उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए, क्योंकि जो व्यक्ति अपने पद की गरिमा को नहीं बचा सकता है वो किसी तरह से संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करने में भी सक्षम नहीं हो सकता है।
धूमल ने कहा कि लोकतन्त्र में हार-जीत चलती रहती है, परन्तु हार के डर से लोकतन्त्र को ही खत्म करने का जो कुत्सित प्रयास करके कांग्रेस सरकार ने अक्षम्य अपराध किया है, उसकी सजा जनता उसे अवश्य देगी। प्रदेश चुनाव आयोग को अपने निर्णय पर पुनः विचार करते हुए तय तिथि पर ही चुनाव करवाने चाहिए।
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