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हिमाचल बजट: सदन में दिखा सीएम जयराम ठाकुर का शायराना अंदाज, विपक्ष पर किया हमला
शिमला। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) और प्रेम कुमार धूमल के बाद सीएम जयराम ठाकुर ने भी शायराना अंदाज में बजट पेश किया। इस शायराना अंदाज के साथ सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने विपक्ष पर भी हमला किया। सीएम ने शुरू में ही यह शेष्र पढ़ा-मिट्टी से कुछ ख्वाब उगाने आया हूं] मैं धरती का गीत सुनाने आया हूं] चार दीये तेरी दहलीज पर है रोशन] एक दीया मैं और जलाने आया हूं। विधायक ऐच्छिक निधि को 10 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपए करने पर भी सीएम जयराम ठाकुर ने कहा… लहरों की खामोशी को समंदर की बेबसी न समझए जितनी गहराई अंदर हैए बाहर उतना तूफान बाकी है। शेष्र पढ़ते हुए सीएम ने नेता प्रतिपक्ष को कहा.मुकेश जीए सितारे तोड़ते हुए जमीन न तोड़ना। सीएम सदन में बोले कि वह किसान भाइयों का आह्वान करते हैं.आओ मिलकर मुट्ठी बांधेंए धरती का शृंगार करेंए खेतों में हरियाली रोपेंए समृद्धि का संचार करें।
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वृद्धावस्था पेंशन (Old Age Pension) के लिए पात्रता की आयु सीमा को घटाकर 60 वर्ष करने का एलान करते हुए जयराम ने यह शेश्र पढ़ा.जहां सजदा हो बुजुर्गों का वहां की तहजीब अच्छी हैए जहां लांघे न कोई मर्यादाए वो दहलीज अच्छी है। एक अन्य शेष्र भी पढ़ा . सबकी दुआओं को दिल में उतारना हैए हमको तो हर घर का चूल्हा संवारना है। छात्रों के लिए कॅ रियर परामर्श और मार्गदर्शन प्रकोष्ठ खोलने का एलान करते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने यह शेष्र पढ़ा…किताब और कलम हर बच्चे की तकदीर बदलेगीए ज्ञान की ज्योति हिमाचल की तस्वीर बदलेगी। कौशल आपके द्वार नाम से नई योजना की घोषणा करते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने यह शेष्र पढ़ा . जिसमें कौशल होगाए वही कुशल होगाए कौशल के दम पर ही वह सफल होगा।
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लकड़ी के 20 हजार खंभों को लोहे के खंभों में बदलने की घोषणा के साथ सीएम (CM) ने यह शेष्र पढ़ा . कुछ नहीं होगा अंधेरों को बुरा कहने से, अपने हिस्से का दीया खुद ही जलाना होगा। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) और विपक्ष के अन्य विधायकों की ओर इशारा करते हुए सीएम ने कहा कि सोचने से कहां मिलते हैं तमन्नाओं के शहरए चलना भी जरूरी हैए मंजिल पाने के लिए। सीएम ने इसके बाद यह शेष्र पढ़ा… मुश्किलें कितनी भी हों सामने हमारेए हिम्मत हो तो रास्ता जरूर निकलता है। एक अन्य शेष्र प्रस्तुत करते हुए सीएम ने कहा .उनका यही है दावा कि सूरज उन्हीं का हैए मेरी यह जिद्द है कि सबको एक ही धूप मिले।
आवास योजनाओें में नए मकान बनाने की घोषणा करते हुए सीएम ने कहा… ख्वाब देखे हैंए हौसले भी जिंदा हैंए हम वो हैं जिनसे मुश्किलें भी शर्मिंदा हैं। विभिन्न श्रेणियों के लिए मानदेय की घोषणा करते हुए यह शेष्र पढ़ा… हम हर एक का दर्द सीने में ले के चलते हैंए सबके दामन को खुशियों से भरते हैंए यही चाहते हैं न रहे कोई जरूरतमंद, दिन-रात सबके सपनों को पूरा करते हैं। बजट भाषण का समापन सीएम ने इस शेष्र से किया . जो रुक गया उसे क्या मुश्किलों सेए जो चलेगा उसी के पांवों में छाला होगाए औरों का दर्द होना चाहिए सीने मेंए जो जलेगा उसी दीये से उजाला होगा। सीएम ने आस्ट्रेलिया के एक पर्यावरणविद् रॉबर्ट जेम्स ब्राउन का उदाहरण देते हुए पर्यावरण संरक्षण की भी चिंता जताई कि भविष्य या तो हरा होगा या तो नहीं होगा।
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