-
Advertisement
15वें वित्त आयोग के सामने सही तथ्य नहीं रख पाई जयराम सरकार: मुकेश
शिमला। हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री (Deputy CM Mukesh Agnihotri) ने कहा है कि राज्य की पिछली जयराम सरकार 15वें वित्त आयोग (15th Finance Commission) के समक्ष हिमाचल के तथ्य सही तरीके से पेश नहीं कर सकी, जिससे राज्य को केंद्रीय सहायता में सिर्फ 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इसके मुकाबले पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार (Previous Congress Govt) ने 14वें वित्त आयोग के सामने हिमाचल की आर्थिक जरूरतों को प्रभावी तरीके से पेश किया था, जिससे सहायता राशि में 232 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य विधानसभा में पेश प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर श्वेत पत्र (White Paper Tabled In Himachal Assembly) का संदर्भ रखते हुए साफ किया कि जुलाई 2022 में जीएसटी क्षतिपूर्ति (GST Compensation) समाप्त होने के बाद राज्य सरकार का राजस्व लगभग 2,624 करोड़ रुपये प्रति वर्ष कम हो गया है।
जयराम सरकार ने फूंका पैसा
उन्होंने कहा कि पिछली बीजेपी सरकार के आखिरी वित्तीय वर्ष (2022-23) के दौरान राजस्व घाटा तेजी से बढ़कर 6,336 करोड़ रुपये हो गया, जो बताता है कि जयराम सरकार ने चुनावी वर्ष में बिना किसी नियम का पालन किए बेतहाशा खर्च किया। इसके अलावा केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए उधार लेने की सीमा में कमी की। इससे राज्य सरकार 2022-23 की तुलना में 2023-24 में 2,836 करोड़ रुपये कम ऋण ले सकेगी।
यह भी पढ़े:जयराम सरकार की फिजूलखर्ची पर आया श्वेत पत्र, हर हिमाचली को बना दिया कर्जदार
NPS के 9000 करोड़ केंद्र के पास पड़े हैं
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार ने एनपीएस (NPS) के तहत जमा की गई 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि अभी भी केंद्र सरकार के पास पड़ी है, जो कि राज्य का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि 2023-24 के दौरान हिमाचल प्रदेश को 2022-23 में प्राप्त राशि की तुलना में 1,319 करोड़ रुपये कम राजस्व घाटा अनुदान (RDG) मिलेगा। यह इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि आरडीजी की राशि 2024-25 में घटकर 6,258 करोड़ रुपये और 2025-26 में 3,257 करोड़ रुपये हो जाएगी।
मंडी के लिए 1000 करोड़ की कमिटमेंट भी पूरी नहीं हुई
मुकेश ने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने मंडी के लिए 1000 करोड़ की कमिटमेंट भी पूरी नहीं की, जिसमें से 400 करोड़ रुपए कांगड़ा हवाई पट्टी के लिए लंबित हैं। उन्होंने जयराम सरकार पर आरोप लगाया कि उसने पार्टी के राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए HRTC का 36 करोड़ रुपए बरबाद कर दिया। इसमें से अभी भी 8 करोड़ HRTC के बकाया हैं। मुकेश ने आरोप लगाया कि पिछली जयराम सरकार राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए सरकारी खर्चे से सत्ता में आने का प्रयास करती रही, जिसके चलते हिमाचल प्रदेश को भारी-भरकम नुकसान हुआ है। इसका खामियाजा अब प्रदेश को बड़े आर्थिक संकट के रूप में भुगतना पड़ रहा है।