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बंगलुरु । पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को 14वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में कहा कि हम पासपोर्ट का रंग नहीं देखते हैं, बल्कि खून का रिश्ता देखते हैं। प्रवासी भारतीयों पर हर किसी को फख्र है, वे जहां भी गए, अपनी मेहनत और काबिलियत से अलग पहचान बनाई। उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों की सुरक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस को संबोधित करके खुशी महसूस हो रही है, ये एक ऐसा पर्व है जिसमें होस्ट भी आप हैं और गेस्ट भी आप ही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि विदेशों में भारतीयों को केवल संख्या की वजह से नहीं बल्कि उनके योगदान के लिए जाना जाता है और इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया जाता है। पीएम ने कहा कि मेरी सरकार और व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए विदेशों में रह रहे भारतीय समुदाय की सहभागिता प्राथमिकता रही है।
पीएम देश के बाहर भारतीयों को अच्छे मौके मिले इसी उद्देश्य से एक स्किल डिवलेपमेंट प्रोग्राम प्रवासी कौशल विकास योजना लॉन्च करेंगे। हमारा उद्देश्य है कि आप सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं और विश्वास के साथ जाएं। पीएम ने कहा कि प्रवासियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 69 अरब डॉलर का योगदान दिया है। ये सर्वश्रेष्ठ भारतीय प्रकृति, संस्कृति और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। विदेशों में बसे भारतीयों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है, सुषमा स्वराज सक्रिय रही हैं और विदेशों में बसे भारतीयों के संकटों को दूर करने में उन्होंने तत्परता दिखाई है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सोमवार को प्रवासी भारतीय पुरस्कारों का वितरण करेंगे और समापन भाषण देंगे। पूर्ण अधिवेशन को विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर, केंद्रीय मानव संसाधान विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय रसायन-उर्वरक मंत्री एचएन अनंत कुमार और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कंठ भी संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में सात राज्यों के मुख्यमंत्री भी शिरकत करेंगे।
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