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धर्मशाला। गरीब लोगों को घर बनाने के लिए अपना चयन करवाने के लिए अब किसी के पास जाकर मिन्नतें करने की जरूरत नहीं रहेगी। जो लोग गरीब हैं और जिन्हें घर बनाने के लिए प्राथमिकता मिलनी चाहिए, अब ऐसे पात्र लोगों को स्वतः ही पात्रता प्राथमिकता के आधार पर मिल जाएगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्रों का चयन वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक आधार पर हुई जनगणना के आधार पर हो रहा है। इस योजना के तहत सॉफ्टवेयर के आधार पर पात्र लोगों का चयन हो रहा है। ग्रामीण विकास अभिकरण के पास उन गरीब लोगों की सूचि पहुंच गई है जिनको घर बनाने के लिए वास्तव में सरकारी मदद की दरकार है। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कांगड़ा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मुनीश कुमार ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2011 में हुई सामाजिक व आर्थिक जनगणना के आंकड़े ऑनलाइन अपलोड किए गए थे।
देशभर के इन आंकड़ों को एक सॉफ्टवेयर की मदद से अपलोड किया गया था। अब उस सॉफ्टवेयर की मदद से ही गरीब और जरूरतमंद लोगों की लिस्ट तैयार हो रही है। इस लिस्ट के आधार पर पात्र लोगों की जानकारी विभाग को मिल रही है और विभाग यह लिस्ट संबन्धित पंचायतों को भेज रहा है। पंचायत की आम या विशेष ग्राम सभा में मंजूरी मिलने के बाद घर निर्माण के लिए पात्र लोगों को विभाग धन उपलब्ध करवा रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अनुसार नवंबर 2016 से काम शुरू किया गया है और काफी लोगों को इससे लाभ मिल रहा है। मुनीश कुमार ने बताया कि जिला कांगड़ा में सॉफ्टवेयर के आधार पर 1806 ऐसे लोग चिन्हित किए गए हैं जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर घर बनाने के लिए मदद की आवश्यकता है। इनमें से इस वर्ष 776 लोगों को यह मदद उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया था। अब तक 720 के करीब लोगों का पंजीकरण हो चुका है और 300 से अधिक लोगों को पहली किस्त भी जारी की जा चुकी है। मुनीश कुमार का मानना है कि सॉफ्टवेयर के आधार पर पात्रों का स्वतः चयन होने से इस चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ी है वहीं कार्य में भी तेजी आई है। गौरतलब है कि अब घर बनाने के लिए सरकारी सहायता राशि 75 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 30 हजार रुपए कर दी गयी है। लाभार्थी को ऑपचारिक्ताएं पूरी करने के बाद 65 हजार रुपए की राशि पहली किस्त के रूप में जारी की जाती है।
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