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बच्चों को School भेजना अब होगा महंगा, निजी बस ऑपरेटर्स करेंगे यह काम
Last Updated on February 10, 2020 by saroj patrwal
शिमला। राजधानी शिमला में निजी स्कूलों में बच्चों को स्कूल (School) लाने और छोड़ने का काम निजी बस ऑपरेटर्स (Private bus operators) ही करेंगे। अब केवल इस पर जिला प्रशासन की मुहर लगना बाकी है। कौन सा प्राइवेट ऑपरेटर्स शिमला के निजी स्कूलों (Private School) को अपनी बस सेवा प्रदान करेगा, इस पर भी अंतिम मुहर लग चुकी है। अब इन बसों के किराए पर जिला प्रशासन की ओर से अंतिम मुहर लगाई जानी है। लेकिन यह तय है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से अभिभावकों को ज्यादा किराया अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए देना होगा। प्रशासन का कहना है कि भले ही निजी बस ऑपरेटर्स को निजी स्कूलों में बस सेवा मुहैया करवाने को लेकर मंजूरी दी गई है, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। बच्चों की सुरक्षा ही प्राथमिकता है और इसके लिए निजी ऑपरेटर्स को भी सभी नियमों को पूरा करना होगा।
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उपमंडलाधिकारी शिमला शहरी नीरज चांदला ने कहा कि अभी निजी बस ऑपरेटर्स के साथ नेगोसिएशन किया गया है। तीन ऑपरेटर्स सामने आए थे, जिनके रेट्स तो एचआरटीसी के मुकाबले ज्यादा हैं। अब उस पर मंजूरी की अंतिम मुहर डीसी ही लगाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी बसें जो अभी निजी स्कूलों को अपनी सेवाएं दे रही हैं, उन्हें एक साथ ही नहीं हटाया जाएगा। इसके अलावा निजी स्कूलों को भी कहा गया है कि वह अभिभावकों की भी सहमति निजी बसें स्कूलों में लगाने को लेकर लें, उसके बाद ही एग्रीमेंट की यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। नीरज चांदला ने कहा कि एग्रीमेंट में भी यह तय किया जाएगा कि ऑपरेटर्स सभी नियमों का पालन करें और छात्रों की सुविधा को प्राथमिकता पर रखें।
निजी ऑपरेटर्स को इन नियमों का करना होगा पालन
निजी ऑपरेटर्स जो बसें निजी स्कूलों को मुहैया करवाएंगे, उनका रंग पीला होगा। बस में एक महिला अटेंडेंट का होना अनिवार्य होगा। बस में सीटीटीवी कैमरा का प्रावधान होगा। इसके साथ ही कितने बच्चों को बस में बिठाया जाना है यह भी तय किया गया है और उस नियम का पालन भी निजी बस ऑपरेटर्स को करना होगा। इसके अलावा यह भी नजर रखी जाएगी की यह बसें जिस उद्देश्य यानी स्कूलों को सेवाएं देने के लिए लगाई गई हैं, तो वह उन्हीं के लिए लगाई जांए और किसी अन्य रूट पर स्कूल टाइमिंग के बाद या बीच ये बसें इस्तेमाल में न लाई जाएं। यह भी इन बस ऑपरेटर्स के साथ तय किया जाएगा। बस की स्पीड, बस का मॉडल कब का है, चालक और परिचालक पूरी तरह से प्रशिक्षित है या नहीं यह सब भी जांचा जाएगा।