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नई दिल्ली। रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री (Rae Bareli Rail Coach Factory) के निजीकरण (privatization) का विरोध करने के मामले में कांग्रेस की अंतिरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की आवाज को अब उनकी बेटी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का साथ मिल गया है। बता दें कि इस मसले को लेकर जुलाई में ही यूपीए अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में मोदी सरकार को घेरा था। जिसके बाद आज मंगलवार को प्रियंका रायबरेली में रेल कोच फैक्ट्री जाकर उसके निजीकरण के खिलाफ संघर्ष कर रहे कर्मचारियों से मिलने पहुंचीं हैं।
गौरतलब है कि इस मसले को लेकर कांग्रेस शुरू से ही मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर रही है। सोनिया ने इस मसले के खिलाफ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार इस फैक्ट्री के निजीकरण का प्रयास कर रही है। इसके लिए मजदूर यूनियनों तक को विश्वास में नहीं लिया गया। 2000 से अधिक मजदूरों और कर्मचारियों का भविष्य अब संकट में है। जिसके बाद इस मसले पर सोनिया गांधी को पलटवार करते हुए रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि 2014 तक रायबरेली के रेल कोच फैक्ट्री में किसी तरह का कोई काम नहीं हुआ था, महज कोच फैक्ट्री का निर्माण और पेंटिग का ही काम हो सका था।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल वहां पर कोच उत्पादन का काम शुरू हुआ, आज उस कारखाने में करीब 1400 रेल कोच का निर्माण हो चुका है। इससे स्थानीय लोगों को काफी रोजगार मिला है। बता दें कि सोनिया गांधी ने जनवरी 2009 में लोकसभा चुनाव से पहले लालगंज में रेल कोच फैक्ट्री का शिलान्यास किया था। उस वक्त प्रदेश की सीएम मायावती ने इसे चुनावी फायदा लेने का हथकंडा कहा था। इस रेल कोच फैक्ट्री का उद्घाटन नवंबर 2012 में हुआ था। लालगंज स्थित रेल कोच फैक्टरी में सबसे पहले निर्मित 20 बोगियों को सोनिया गांधी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
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