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Priyanka Vadra Case : शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट में चल रहे प्रियंका वाड्रा की जमीन से जुड़ी सूचना के मामले पर न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने सुनवाई करने से मना कर दिया। इस कारण इस मामले पर सुनवाई टल गई। राज्य सूचना आयोग ने प्रार्थी देवाशीष भट्टाचार्य को प्रियंका वाड्रा की कुफरी स्थित जमीन से संबंधित सूचना मुहैया करवाने के लिए एडीएम शिमला को आदेश जारी किये थे। इस पर हाइकोर्ट ने स्थगन आदेश पारित कर रखे हैं।
प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने पदोन्नति के बाद बेवजह ज्वाइनिंग लटकाने के मामले में उच्चतर शिक्षा निदेशक सहित उप-शिक्षा निदेशक हमीरपुर और गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल बदरां के प्रधानाचार्य को तलब करने के आदेश पारित किए। ट्रिब्यूनल में न्यायिक सदस्य डीके शर्मा ने यह आदेश टीजीटी से पीजीटी बनी संयोगिता रानी की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए। मामले के मुताबिक 22 अप्रैल 2017 को प्रार्थी संयोगिता रानी को पदोन्नत कर गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोटला बेहड़ जिला कांगड़ा में तैनाती दी गई थी। इस पदोन्नति आदेश के अनुसार कोटला बेहट में जिस पद पर प्रार्थी को भेजा गया था, उसे रिक्त बताया गया, जबकि वहां कोई रिक्ति नहीं थी। प्रार्थी ने जब यह बात शिक्षा विभाग के ध्यान में लाई तो 2 मई 2017 को उक्त पदोन्नति आदेश को संशोधित पर किसी दूसरे स्कूल में भेजने के आदेश दिए। इसी आदेश को उसी दिन फिर से संशोधित कर प्रार्थी को गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल बदरां जिला हमीरपुर भेजा गया। 3 मई 2017 को जब प्रार्थी ने बदरां स्कूल में ज्वाइनिंग देनी चाही तो स्कूल के प्रधानाचार्य ने उसकी ज्वाइनिंग लेने से इंकार कर दिया।
प्रार्थी ने अगले दिन भी ज्वाइनिंग देनी चाही, लेकिन प्रधानाचार्य ज्वाइनिंग लेने से इन्कार करते हुए बिना ज्वाइनिंग लिए ही स्कूल से चले गए। मजबूरन प्रार्थी को ट्रिब्यूनल में 5 मई को आवेदन दायर कर ज्वाइनिंग के लिए जरूरी आदेशों की मांग करनी पड़ी। ट्रिब्यूनल ने 5 मई को पारित आदेशों में शिक्षा विभाग को कहा कि बदरां स्कूल में पीजीटी की उक्त पोस्ट को न भरे व प्रार्थी की जॉइनिंग तुरंत स्वीकार करें। प्रार्थी जब 6 मई को ट्रिब्यूनल के आदेशों को लेकर बदरां स्कूल के प्रधानाचार्य के पास गई तो उसने एक बार फिर उसकी ज्वाइनिंग लेने से इनकार कर दिया और ट्रिब्यूनल के आदेशों को भी नहीं लिया। ट्रिब्यूनल के स्थगन आदेशों के बावजूद उच्चतर शिक्षा निदेशक ने प्रार्थी की तैनाती वाले आदेशों को संशोधित करते हुए उसे हार्ड एरिया में तैनाती करने के आदेश जारी कर दिए, जबकि प्रार्थी ने पहले भी हार्ड एरिया में अपनी सेवाएं दे रखी हैं। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग ने ट्रिब्यूनल के आदेशों को दरकिनार करते हुए बदरां स्कूल में रमेश कुमार पीजीटी को तैनात करने के आदेश दे दिए, जबकि ट्रिब्यूनल ने उक्त पद को न भरने के आदेश जारी कर रखे थे।
प्रार्थी का यह भी आरोप है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुख्खू ने उसे नादौन से बाहर तैनाती देने की सिफारिश की थी। इस कारण उसे प्रताड़ना स्वरूप हार्ड एरिया भेजा जा रहा है। प्रार्थी के उपरोक्त आरोपों पर स्पष्टीकरण के लिए ट्रिब्यूनल ने उपरोक्त अधिकारियों को निजी तौर पर तलब करते हुए उन्हें आज शुक्रवार को ट्रिब्यूनल के समक्ष उपस्थित रहने के आदेश जारी किए।
[email protected] झूठे केसः मैं नहीं जानता की धूमल ने ऐसा क्यों किया
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