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Contest: शिमला। मिसेज इंडिया हिमाचल का खिताब जीतने वाली प्रियंका मेहता का मानना है कि यदि जीवन में कुछ कहना है तो खुद ही हिम्मत करनी होगी। उनकी ख्वाहिश है कि प्रदेश की ग्रामीण परिवेश की महिलाएं भी आगे आएं और वे अपने भीतर छुपी प्रतिभा को बाहर निकालें। आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में प्रियंका मेहता ने कहा कि उनके इस सफर में उनके परिजनों और पति का अहम रोल रहा है और उन्होंने जो स्पोर्ट उन्हें दिया, उसकी बदौलत वे इस मुकाम तक पहुंच पाई हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी नजर अब मिसेज इंडिया नेशनल प्रतियोगिता पर है और उन्हें भरोसा है कि इसमें वे सफल होंगी। उनका मानना है कि हालांकि यह सफर कठिन है, क्योंकि मुकाबला मेट्रो शहरों की महिलाओं से है, लेकिन जो उनका अब तक का सफर रहा है उससे उन्हें खुद पर भरोसा है।
प्रियंका मेहता ने कहा कि उनका मानना है कि गांवों में प्रतिभा छुपी हुई है औैर वे चाहती हैं कि ये प्रतिभाएं घरों से बाहर निकले। उन्होंने कहा कि यहां आमतौर पर शादी करने के बाद महिला के कंधों पर परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी आती है, और इससे वह बाहर नहीं निकल पाती। उन्होंने कहा कि यदि परिवार का सहयोग मिले तो महिला काफी कुछ कर सकती है।
वहीं, प्रियंका की बहन सुलक्षणा जस्वाल ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से महिलाएं और सशक्त होती हैं और उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है। सुलक्षणा ने भी इस प्रतियोगिता में मिसेज कॉन्फीडेंट का खिताब जीता है। उन्होंने कहा कि उनकी इस कामयाबी के पीछे उनके पति और परिवार का सहयोग है। इसके चलते ही वह इस खिताब को हासिल कर पाई। उधर, मिसेज फोटोजैनिक रही ज्योति चंदेल ने कहा कि वह ग्रामीण परिवेश से हैं और परिवार के सहयोग की बदौलत ही इस मुकाम तक पहुंच पाई। वहीं, अर्की की भानुप्रिया ने इस प्रतियोगिता में मिसेज ग्लैमरस का खिताब मिला है। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से लगा कि वे भी कुछ कर सकती हैं और उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।
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