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हिमाचल में मचा रहा “हल्ला”
Last Updated on November 26, 2020 by Sintu Kumar
टीम हिमाचल। हिमाचल में श्रम क़ानूनों के बदलाव को वापिस लेने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया। राजधानी शिमला,कुल्लू,मंडी हमीरपुर सहित अन्य जिलों में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए। मंडी के सेरी मंच पर सीटू की जिला सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि आज पूरे हिमाचल में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और राष्ट्रीय फेडरेशन के आह्वान पर विभिन्न मजदूर संगठनों ने एक दिवसीय हड़ताल का आहवान किया गया। उन्होंने कहा कि देशभर के विभिन्न मजदूर संगठन मांग कर रहे हैं कि जो केंद्र सरकार ने पिछले दिनों 44 श्रम कानूनों को बदल कर चार श्रम संहिता में बदलने का निर्णय लिया है उसे वापस लिया जाए, किसानों के विरोध में तीन बिल पास किए हैं उन्हें वापस लिया जाए, न्यूनतम वेतन ₹21000 घोषित किया जाए, फ़ैक्टरी मजदूरों से 8 की बजाए 12 घंटे काम का निर्णय वापस लिया जाए ,आंगनवाड़ी, मिड डे मील ,आशा व अन्य योजना कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, सरकारी उपक्रमों का विनिवेश निजीकरण बंद किया जाए, मनरेगा में 200 दिन का रोजगार और राज्य सरकार का न्यूनतम वेतन लागू करना ,फिक्स टर्म, कॉन्ट्रैक्ट, आउट सोर्स ठेका प्रथा की जगह नियमित रोजगार देना और समान काम का समान वेतन देने की मांग उठाई है।