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पंजाब ने रद्द की CBI को दी गई ‘सामान्य सहमति’; अब जांच के लिए पहले लेनी होगी इजाजत
Last Updated on November 10, 2020 by Sintu Kumar
चंडीगढ़। पंजाब सरकार (Punjab Govt) ने भी राज्य में जांच के लिए सीबीआई (CBI) को दी गई सामान्य सहमति रद्द कर दी है। अब सीबीआई को पंजाब में किसी भी नए मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की मंजूरी लेनी होगी। गैर बीजेपी शासित राज्य पश्चिम बंगाल, केरल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, सिक्किम, त्रिपुरा और राजस्थान की सरकार पहले ही सीबीआई की एंट्री रोक चुकी है। पंजाब सरकार ने 8 नवंबर को एक अधिसूचना जारी करके कहा है कि सीबीआई को राज्य में किसी भी मामले की जांच करने के लिए पंजाब सरकार से पहले मंजूरी लेनी होगी।
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सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम के तहत आती है। गृह एवं न्याय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा छह के तहत दी गई शक्ति का इस्तेमाल करते हुए पंजाब सरकार दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना के सदस्यों को दी गई सामान्य सहमति को वापस लेती है। अधिसूचना में कहा गया है कि पहले जारी की गई सभी सामान्य सहमतियों को रद्द करने के मद्देनजर, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना को राज्य में मामलों की जांच के लिए पंजाब सरकार से पूर्व मंजूरी लेने की जरूरत होगी।
इससे पहले झारखंड और केरल ने लगाया था प्रतिबंध
पंजाब सरकार ने 2015 में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिए सीबीआई को दी गई मंजूरी को वापस ले लिया था। इस बाबत 2018 में राज्य विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया था। बाद में सरकार ने इस मामले की जांच पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम को सौंपी थी। इससे पहले बीते छह नवंबर को झारखंड और चार नवंबर को केरल ने भी मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दिए गए आम सहमति के प्रावधान को वापस ले लिया था। बीते अक्टूबर महीने में महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई को दी गई सहमति को वापस लेने संबंधी एक आदेश जारी किया था।