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चार माह बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर भक्तों के लिए खोला गया, सप्ताह में 2 दिन रहेगा बंद
Last Updated on August 23, 2021 by saroj patrwal
भुवनेश्वर। ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर को चार महीने के अंतराल के बाद सोमवार को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया गया है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने कहा, “भक्त सोमवार से शुक्रवार तक, सप्ताह के दिनों में सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शन कर सकते हैं। मंदिर सभी शनिवार और रविवार को सार्वजनिक दर्शन के लिए बंद रहेगा।”पिछले एक सप्ताह के दौरान पुरी नगर पालिका क्षेत्र के लगभग 50,000 भक्तों ने मंदिर के दर्शन किए हैं। उन्होंने कहा कि अब भक्त किसी भी स्थान से मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। कुमार ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि सभी श्रद्धालु कोविड-19 के मद्देनजर जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करेंगे।”
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पुरी के एसपी कंवर विशाल सिंह ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुगमता से भगवान के दर्शन करने के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सिंह ने कहा कि पुलिस ने श्रद्धालुओं से फीडबैक लेने के लिए एक विशेष केंद्र बनाया है। भक्त एक फॉर्म जमा करके या ऑनलाइन क्यूआर कोड स्कैनिंग सिस्टम के माध्यम से या तो मैनुअल के माध्यम से मंदिर में पुलिस सेवा पर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत कर सकते हैं।ओडिशा के गंजम जिले के एक भक्त रबी नारायण रथ ने कहा, “मैं लंबे समय के बाद भगवान जगन्नाथ के दर्शन पाकर बहुत खुश हूं। सभी आवश्यक व्यवस्था करने के लिए अधिकारियों का धन्यवाद।”पश्चिम बंगाल के एक भक्त ने कहा, “बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है। मंदिर में आने वाले भक्तों को किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और कोविड -19 संक्रमण का भी कोई खतरा नहीं होगा।”
कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के बाद, आम जनता के प्रवेश के लिए 24 अप्रैल, 2021 को मंदिर को बंद कर दिया गया था। सेवादार परिवारों और पुरी के नागरिकों को अनुमति देने के बाद सोमवार को मंदिर सभी भक्तों के लिए फिर से खुल गया।शनिवार और रविवार के अलावा, प्रमुख त्योहारों के अवसरों पर भी मंदिर बंद रहेगा, ताकि इस तरह के उत्सव के अवसरों पर होने वाली विशाल सभाओं के कारण कोविड -19 के संचरण में किसी भी तरह की वृद्धि से बचा जा सके।भक्तों के लिए एक कतार प्रणाली लगाई गई है, जो मंदिर परिसर के उत्तर-पूर्व की ओर स्थित जूता स्टैंड के सामने बैरिकेड्स के माध्यम से प्रवेश करेंगे।
एसओपी के अनुसार, मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को अपनी यात्रा से पहले 96 घंटे के भीतर किए गए परीक्षण के कोविड -19 टीकाकरण (दो खुराक लेने का) या कोविड -19 निगेटिव प्रमाण पत्र (आरटी-पीसीआर) के लिए मंदिर को अंतिम प्रमाण पत्र (आरटी-पीसीआर) देना होगा ।सभी भक्तों को अपना फोटो पहचान पत्र, आधार/मतदाता पहचान पत्र, आदि लाना होगा और सिंघद्वार के माध्यम से प्रवेश करना होगा। दर्शन के बाद निकास उत्तरद्वार से होगा।सभी भक्तों के लिए मंदिर के अंदर और बाहर हर समय मास्क पहनना अनिवार्य है और सभी अपने हाथों को अच्छे से साफ करके मंदिर में प्रवेश करेंगे।
–आईएएनएस
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