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नई दिल्ली। राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, 14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) में प्रश्नकाल नहीं होगा। हालांकि, शून्यकाल व अन्य कार्यवाही पहले की तरह होंगी। वहीं, सत्र के दौरान संसद में आने वाले लोगों को अनिवार्य कोरोना वायरस प्रोटोकॉल का पालन करना होगा जिसमें 72 घंटे के भीतर कोविड-19 टेस्ट कराना शामिल है। अब सत्र के दौरान प्रश्नकाल (Question Hour) नहीं होने बात को लेकर विपक्षी दलों की तरफ से आपत्ति जताने का सिलसिला शुरू हो गया है।
2/2 Questioning the government is the oxygen of parliamentary democracy. This Govt seeks to reduce Parliament to a notice-board & uses its crushing majority as a rubber-stamp for whatever it wants to pass. The one mechanism to promote accountability has now been done away with.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 2, 2020
इसी कड़ी में संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल ना होने की अधिसूचना पर कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने आपत्ति जताते हुए कहा है, ‘मैंने पहले ही कहा था मज़बूत नेता लोकतंत्र और असहमति का गला घोंटने के लिए महामारी के बहाने का इस्तेमाल करेंगे।’ तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा, ‘हमें सुरक्षित रखने के नाम पर इसे कैसे सही ठहराया जा सकता है?’ वहीं, दूसरी तरफ उप-राष्ट्रपति व राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर सीपीआई नेता बिनोय विस्वम (Binoy viswam) ने मानसून सत्र में प्रश्नकाल और प्राइवेट मेंबर्स बिज़नेस निलंबित रखे जाने को ‘अन्यायपूर्ण’ बताते हुए इसकी बहाली की मांग की है। विस्वम ने कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण ज़रिया है जिसमें प्रतिनिधि सदन में सरकार से विशिष्ट सवालों पर जवाब मांगते हैं।
महामारी के बहाने लोकतंत्र की हत्या- टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन
MPs required to submit Qs for Question Hour in #Parliament 15 days in advance. Session starts 14 Sept. So Q Hour cancelled ? Oppn MPs lose right to Q govt. A first since 1950 ? Parliament overall working hours remain same so why cancel Q Hour?Pandemic excuse to murder democracy
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) September 2, 2020
इसके अलावा इस मसले पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद डेरेक ओ ब्रायन (Derek O’Brien) ने सवाल पूछा है कि जब संसद के बाकी कामकाज के घंटे पहले की तरह ही समान है तो प्रश्नकाल को क्यों रद्द किया गया? ब्रायन ने आरोप लगाया है कि महामारी का बहाना करके लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। इस बारे में ट्वीट करते हुए डेरेक ओ ब्रायन ने बुधवार को ट्वीट लिखा, ‘सांसदों को प्रश्नकाल के लिए संसद को 15 दिन पहले प्रश्न जमा करना जरूरी होता है। सत्र 14 सितंबर से शुरू है। इसलिए प्रश्नकाल रद्द किया गया? विपक्षी दलों के सांसदों ने सरकार से सवाल पूछने का अधिकार खो दिया। शायद 1950 से पहली बार? संसद के कामकाज के बाकी घंटे पहले की तरह ही हैं तो प्रश्नकाल क्यों रद्द किया गया? महामारी के बहाने लोकतंत्र की हत्या।’
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