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कुल्लू। कहते हैं भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, जीत हमेशा सत्य की ही होती है। भगवान रघुनाथ मंदिर अधिग्रहण को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर महेश्वर सिंह ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार के आरोप हम पर लगाए गए थे और मंदिर में करोड़ों रुपए की आय का कोई लेखा-जोखा नहीं है और आय से ज्यादा की संपति मंदिर की दिखाई गई और मेले के दुरुपयोग होने की बात कही गई थी, यह सब पू्र्व सरकार की साजिश थी। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने मंदिर को कब्जे में लेने के लिए अधिग्रहण किया था। मौजूदा बीजेपी की सरकार ने पूर्व सरकार के अधिग्रहण को निरस्त किया। उन्होंने कहा कि मंदिर को अधिग्रहण की सूची से बाहर निकाल दिया था और सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाया था।
उन्होंने कहा कि सरकार ने छानबीन के बाद अधिग्रहण के फैसले को रद किया है। उन्होंने कहा कि हमारे अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में पूरा पक्ष रखा जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय दिया है। उन्होंने कहा कि एक ट्रस्टी ने अपत्ति भी की थी, उनकी भी बात सुनी जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट कहा कि मंदिर के अधिग्रहण को सरकार ने निरस्त किया है इस पर किसी प्रकार की कोई अपत्ति नहीं है और अब यह केस बंद कर दिया गया है। महेश्वर सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रघुनाथ मंदिर पर हाईकोर्ट की याचिका खारिज कर दी है, जिससे अब सुप्रीम कोर्ट ने रघुनाथ मंदिर को निजी संपति घोषित किया है। गौर रहे कि भगवान रघुनाथ मंदिर अधिग्रहण को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया है और याचिका पर फैसला देते हुए जस्टिस आरके अग्रवाल और एएम सप्रे की पीठ ने रघुनाथ मंदिर को महेश्वर सिंह की निजी संपति घोषित किया है।
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