-
Advertisement
प्रवासी मज़दूरों का Train का 85% किराया दे रहा रेलवे, 15% राज्यों को देना है: केंद्र
Last Updated on May 5, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। कोविड-19 (Covid 19) के कारण जारी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को घर ले जाने के लिए रेलवे (Railway) द्वारा मजदूरों से कथित तौर पर टिकट (Train Ticket) का पैसा लेने के विवादों के बीच केंद्र सरकार का बड़ा बयान सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मज़दूरों से ट्रेन का किराया वसूले जाने के सवाल पर कहा है कि स्पेशल ट्रेनों से प्रवासी मज़दूरों के परिवहन का 85% खर्च रेलवे उठा रहा है और 15% राज्यों को उठाना है। उन्होंने बताया, ‘भारत सरकार या रेलवे, हमने कभी भी किसी भी वर्कर से पैसे लेने की बात नहीं की।’
यह भी पढ़ें: BCCI ने अनुमति दी तो बांग्लादेश के लिए खेलते नजर आएंगे विराट-रोहित, जानें
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कुछ मामलों में राज्यों के आग्रह पर विशेष रेलगाड़ियां चलाने की अनुमति दी गई। अग्रवाल ने कहा, ‘राज्यों के आग्रह पर किसी निश्चित कारण से सीमित संख्या में फंसी प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाना है जिसका समन्वय एक-दो राज्यों को छोड़कर अधिकतर राज्य सरकारें खुद कर रही हैं।’ वहीं देश में फ़ैल रहे कोरोना संक्रमण के आंकड़े बताने के बाद संयुक्त सचिव ने कहा कि फिलहाल कोविड-19 का ग्राफ सपाट है और यह कहना ठीक नहीं है कि इसका चरम बिंदु कब आएगा। उन्होंने कहा, ‘अगर हम सामूहिक रूप से काम करते हैं तो फिर चरम स्थिति कभी नहीं आएगी, जबकि अगर हम किसी भी तरीके से विफल हुए तो मामले बढ़ सकते हैं।’