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जयपुर। राजस्थान में राजनीतिक गतिविधियां तेजी से बदल रही है। विधानसभा( Vidhansabha) का सत्र बुलाकर शक्ति परीक्षण कराने की मांग पर अड़े सीएम गहलोत ने आज फिर दोपहर 12.30 बजे विधायकों के साथ बैठक की इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत( CM Ashok Gehlot) ने कहा कि वह ‘ बीजेपी की साजिश’ को विफल करने के लिए राष्ट्रपति भवन जाएंगे और यहां तक कि पीओमओ के बाहर भी धरना देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वे बीजेपी की साजिश को सफल नहीं होने देंगे। यदि जरूरी हुआ तो राष्ट्रपति भवन जाएंगे और पीएम आवास के बाहर भी धरना देंगे। शनिवार दोपहर मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि विधायक दल की बैठक में सीएम गहलोत ने यह बात कही है।
सीएम द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने के लिए नए प्रस्ताव देने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की उम्मीद जताई जा रही है। शुक्रवार को गहलोत और उनके विधायकों ने राजभवन के लॉन में धरना दिया था, जिसमें मांग की गई कि राज्यपाल राज्य विधानसभा का सत्र बुलाने की मंजूरी दें।गहलोत ने राज्यपाल पर सदन सत्र बुलाने के फैसले को रोकने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके ऊपर से कुछ दबाव था। सीएम गहलोत का कहना था कि वह सोमवार को एक सत्र चाहते हैं जिसमें वह सरकार का बहुमत साबित करना चाहते हैं।राजभवन में धरने पर बैठे कांग्रेसी विधायकों ने मुख्यमंत्री के समर्थन में ‘इंकलाब जिंदाबाद, अशोक गहलोत जिंदाबाद’ के नारे लगाए थे। करीब पांच घंटे बाद विधायकों ने धरना समाप्त किया था।
कांग्रेस ने अपने विधायकों को एक फाइव स्टार होटल में ठहरा रखा है जिस पर भी भाजपा ने एतराज जताया है। इधर उपमुख्यमंत्री पद से निष्कासित कांग्रेस के 19 विधायकों ने भी बंधक बनाने से इनकार करते हुए पार्टी की अंदरूनी खींचतान को उजागर किया है। कांग्रेस बहुमत होने का दावा कर रही है जिस पर राज्यपाल का कहना है कि कांग्रेस के पास बहुमत हो तो फिर सत्र बुलाने की क्या जरूरत है। राज्यपाल ने जिन छह बिन्दुओं पर केबिनेट की राय जानने की बात कही थी उनमें सत्र बुलाने की तारीख, अल्पसूचना पर सत्र बुलाने का औचित्य, विधायकों की स्वतंत्रत आवागमन की सुनिश्चितता तथा कोरोना को देखते हुए सत्र बुलाने के जरूरी प्रबंधन के बिन्दू शामिल है।
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