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स्ट्रांग रूम वीडियो ग्राफी मामला: राजेश धर्माणी ने प्रशासन की जांच रिपोर्ट पर उठाए सवाल
घुमारवीं। जिला बिलासपुर के घुमारवीं में ईवीएम स्ट्रांग रूम (EVM Strong Room) की फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी मामले में प्रशासन द्वारा दी गईं रिपोर्ट महज एक खाना पूर्ति है। रिपोर्ट में मुख्य आरोपी को प्रशासन द्वारा बचाया जा रहा है। यह बात घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी राजेश धर्माणी (Congress candidate Rajesh Dharmani) ने कही है। उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि मंगलवार को एक व्यक्ति ने स्ट्रांग रूम की वीडियोग्राफी करने की कोशिश की थी। जिसकी शिकायत उन्होंने मंगलवार को ही थाना प्रभारी को दी थी। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के कहने पर स्ट्रांग रूम की फोटोग्राफी (Photography) की गई थी। उस व्यक्ति को भी प्रशासन बचाने की कोशिश कर रहा है। प्रशासन द्वारा दी गई रिपोर्ट पर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जिस व्यक्ति पर उन्होंने शक जाहिर किया था, उस व्यक्ति के दिये गए बयान और जांच रिपोर्ट में लिखी गई बात दोनों ही अलग है।
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उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जांच करते समय महाविद्यालय में लगे सीसीटीवी (CCTV) की रिकॉर्डिंग भी नही देखी और ना ही किसी की कॉल डिटेल देखी गई। धर्माणी ने कहा की स्थानीय प्रशासन चुनाव आयोग की ड्यूटी करने के बजाए बीजेपी के नेताओं की ड्यूटी करने में लगा है। यही कारण है कि चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए नियमों की खुलकर अवहेलना की जा रही है और प्रशासन अपनी आंखें मूंद कर बैठा है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन (local Administration) पर जमकर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन शुक्रवार बीजेपी नेताओं की कठपुतली बनकर काम कर रहा है। पुलिस प्रशासन द्वारा इस मामले के मुख्य दोषी को बिना पूछताछ के ही क्लीनचिट जारी कर दी गई। राजेश धर्माणी ने चुनाव आयोग से मांग है कि इस सारे प्रकरण की अपने स्तर पर दोषी अधिकारियों तथा मुख्य आरोपी के खिलाफ जांच कर कड़ी कार्रवाई करें ।