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भीख मांगकर भी दूसरों का पेट भरता है राजू, PM Modi भी मुरीद, मन की बात में किया जिक्र
पठानकोट। कोरोना काल ने देश को बहुत कुछ सिखा दिया है। हर आदमी मुश्किल की घड़ी में दूसरों को मदद करने में जुटा हुआ है। इन लोगों में एक खास है राजू। पंजाब के पठानकोट (Pathankot) में चौक-चौराहे पर भीख मांगता राजू चलने-फिरने में असमर्थ है। कभी रेंगते हुए तो कभी व्हीलचेयर पर भीख मांगता है, लेकिन उसकी बहुत सोच बड़ी है। दुनिया के लिए भले ही वह भिखारी हो, लेकिन जरूरतमंदों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं। पीएम मोदी (PM Modi) ने आज मन की बात में राजू के नाम का जिक्र किया। राजू कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच जरूरतमंदों को मास्क और राशन बांट रहा है।
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ढांगू रोड स्थित एक पुलिया हादसे का हुआ था शिकार
राजू अब से नहीं कई साल से लोगों की मदद (Help) में जुटा हुआ है। वह भीख मांगकर पैसे जोड़ता है और फिर उसे नेक काम में लगाता है। जहां भी मदद के जरूरत होती है वह अपनी हैसियत के अनुसार देता है। पठानकोट की ढांगू रोड स्थित एक पुलिया टूट गई थी। यहां कई लोग हादसे का शिकार हो गए। राजू भी यहां हादसे का शिकार हुआ। सरकारी महकमा पुल को ठीक करने के लिए कदम नहीं बढ़ा पाया तो राजू ने खुद इसको बनाने का बीड़ा उठाया। उसने मिस्त्री बुलाकर पुलिया की मरम्मत करवाई। राजू बचपन से ही दिव्यांग है। उसके माता-पिता की बचपन में ही मौत हो गई थी। तीन भाई और तीन बहनें हैं पर दिव्यांग होने की वजह से उन्होंने 30 साल पहले राजू को बेसहारा छोड़ दिया था। सड़क पर भीख मांगने के अलावा जीने को कोई जरिया न था।
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अब तक कई बेसहारा लोगों को दे चुका सहारा
भीख में जो मिलता, उससे पेट पल जाए बस इतना ही उसे चाहिए था। जो बचता, वह जरूरतमंदों के हवाले कर देता। राजू अब तक कई बेसहारा लोगों को सहारा दे चुका है। जिन्हें राजू के कार्यों के बारे में पता है वह उसे दिल खोलकर दान देते हैं। राजू भी इनका दुरुपयोग नहीं करता। वह इन पैसों से जरूरतमंद परिवारों की हरसंभव सहायता करता है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर साल कुछ सिलाई मशीनें उपलब्ध कराता है। कुछ बच्चों की फीस का खर्च उठाता है। कॉपी-किताब के लिए मदद करता है। कोरोना वायरस संक्रमण काल में भी राजू मदद के हाथ बढ़ा रहा है।