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Ayodhya: चांदी की ईंटें-फल्गु नदी की रेत, इन चीजों के इस्तेमाल से होगा राम मंदिर निर्माण; ये रहा नया डिजाइन
Last Updated on July 22, 2020 by Deepak
अयोध्या। राम मंदिर (Ram Temple) निर्माण को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। पांच अगस्त को राम जन्म–भूमि पूजन का कार्यक्रम प्रस्तावित है। इस सब के बीच राम मंदिर का नया डिजाइन सामने आ गया है। नए डिजाइन की तस्वीरों में राम मंदिर और भव्य दिख रहा है। नए डिजाइन (New Design) की तस्वीरों में मंदिर का बेहद ऊंचा शिखर नजर आ रहा है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर के डिजाइन में बदलाव किया गया है। मंदिर को और भव्य रूप दिया गया है। मंदिर की लंबाई, ऊंचाई और चौड़ाई बढ़ाई गई है।
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अब राम मंदिर दो नहीं बल्कि तीन मंजिला होगा, जिसकी ऊंचाई 161 फीट, चौड़ाई 235 फीट और लंबाई 360 फीट होगी। मंदिर का मूल लुक लगभग वही रहेगा। तीन शिखर को बढ़ाया गया है। साइड में दो और आगे की ओर एक और शिखर बढ़ा दिया गया है, जिसे मिलाकर अब मंदिर में पांच शिखर होंगे।
मंदिर निर्माण के लिए भूमि-पूजन में नक्षत्र से लेकर बाकी तमाम मान्यताओं का विशेष ध्यान रखा गया है। गया की फल्गु नदी का बालू भी राम मंदिर की आधारशिला में इस्तेमाल किया जाएगा। राम मंदिर भूमि-पूजन के दौरान गर्भगृह के अंदर चांदी की पांच ईंट का इस्तेमाल किया जाएगा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, ये पांच ईंट पांच नक्षत्रों का प्रतीक होंगी।
इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध मोक्ष भूमि गया से भी भगवान राम का कनेक्शन है, लिहाजा वहां की पवित्र फल्गु नदी की रेत का इस्तेमाल भी मंदिर में किया जा रहा है। फल्गु के तट पर भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण और सीता के साथ पिता राजा दशरथ की आत्मा की मुक्ति के लिए पिंड दान किया था। यही वजह है कि फल्गु नदी की रेत का उपयोग अयोध्या में बनने जा रहे भगवान राम के मंदिर में किया जा रहा है। अयोध्या में मंदिर निर्माण में सात समुद्रों का पानी, देश की सभी धार्मिक नदियों का पानी, प्रमुख धामों की मिट्टी और फल्गु नदी के बालू का उपयोग किया जाना है।