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मंडी। राज्य सरकार की उपेक्षा के चलते ततापानी के पवित्र घाटों का निर्माण नहीं हो सका। एनटीपीसी ने करीब 2 साल पूर्व पवित्र घाटों के निर्माण के लिए धनराशि जारी कर दी है, मगर सरकार डीपीआर बनाने में असफल रही। मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरुप शर्मा ने यह शब्द कहे। उन्होंने कहा कि जनवरी 12-13 को मकर सक्रांति के दिन हर वर्ष ततापानी में पवित्र स्नान व मेले का आयोजन होता है तथा ततापानी में शनि देव की पूजा-अर्चना होती है।
ततापानी में भगवान परशुराम के पिता ऋषि जमदग्रि ने तपस्या की थी तथा यह स्थल हिंदुओं के लिए अति पवित्र स्थल है। उपायुक्त मंडी मदन चौहान को एक ज्ञापन सौंपकर सांसद ने कहा कि तीन वर्षों से कोलडैम बनने के कारण ततापानी की तमाम गतिविधियों पर विराम सा लग गया है। ततापानी में गर्म पानी के चश्मों का पुन:निर्माण करने के लिए व पवित्र घाट बनाने के लिए एनटीपीसी ने राज्य सरकार को धनराशि जारी कर दी है, मगर राज्य सरकार क्षेत्र को विकसित करने के लिए डीपीआर ही नहीं बना पाई। यही नहीं एनटीपीसी द्वारा जारी धनराशि का भी दुरुपयोग किया जा रहा है।
डीसी स्वयं मौका पर जाकर लें स्थिति का जायजा
उन्होंने कहा कि जनवरी 2018 मकर सक्रांति का मेला मनाया जाना है तथा मेले के आयोजन से पूर्व गर्म चश्मों, घाटों व स्नानागार का निर्माण व बने हुए घाटों की मरम्मत करना अति आवश्यक है। उन्होंने उपायुक्त को बताया कि वह स्वयं मौका पर जाकर तय करें कि आने वाले श्रद्धालुओं को पूरी सुविधा मिले तथा अपनी प्राचीन संस्कृति के तहत मेले का भी आयोजन हो इसके बारे में पूरे इंतजाम करें, ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। ततापानी में शनि देव की प्रतिमा स्थापित कर दी जाएगी तथा मेला स्थल को समतल किया जा रहा है, ताकि लोग अपनी प्राचीन संस्कृति के तहत मेले में आकर पूजा-पाठ व पवित्र स्नान कर सकें।
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