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रायपुर। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट ने देश में हलचल पैदा कर दी है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में पुलिसकर्मियों द्वारा कथित तौर पर 16 महिलाओं का बलात्कार किया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय मनावाधिकार आयोग ने महिलाओं पर हुए इस अत्याचार के लिए राज्य सरकार को भी जिम्मेदार माना है। इसके साथ ही इससे संबंधित एक नोटिस भी भेजा गया है। आयोग ने यह भी कहा कि वह 20 अन्य महिलाओं के बयान दर्ज नहीं कर पाया और एनएचआरसी ने एक माह के भीतर इन महिलाओं के बयान की मांग की है।
एनएचआरसी ने पाया है कि छत्तीसगढ़ में राज्य पुलिसकर्मियों द्वारा 16 महिलाओं के साथ बलात्कार, यौन और शारीरिक हमला किया गया है। आयोग द्वारा की जा रही जांच में 20 और महिलाओं के बयान रिकॉर्ड किए जाने हैं, जिनके साथ सुरक्षाबलों ने दुराचार का प्रयास किया। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने बीजापुर जिला के पेगदापल्ली, चिन्नागेलुर, पेद्दागेलुर, गुंडम और बर्गीचेरू गांवों में महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया। पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स को नुकसान भी पहुंचाया। आयोग ने कहा, “इन घटनाओं की अधिकतर पीड़ित महिलाएं आदिवासी हैं। हालांकि, किसी भी मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम लागू नहीं किया गया। इसी वजह से पीड़िताओं को SC/ST एक्ट के तहत आने वाली आर्थिक राहत प्रदान नहीं की गई।”आयोग ने अपने मुख्य सचिव के माध्यम से राज्य सरकार को नोटिस भेजकर इस बात का कारण पूछा है कि क्यों नहीं इसे उनके लिए अंतरिम 37 लाख रुपये की आर्थिक मदद की अनुशंसा करनी चाहिए। इसमें बलात्कार की आठ पीड़िताओं के लिए तीन-तीन लाख रुपये और यौन हमले की छह पीड़िताओं के लिए दो-दो लाख रुपये और शारीरिक हमले की दो पीड़िताओं के लिए 50-50 हजार रुपये शामिल हैं।
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