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बसंत पंचमी पर पालकी में ढालपुर मैदान पहुंचे भगवान रघुनाथ, रथयात्रा में शामिल हुए सैकड़ों लोग
कुल्लू। बसंत पंचमी (Basant Panchami) के अवसर पर हिमाचल (Himachal) के जिला कुल्लू के ऐतिहासिक ढालपुर मैदान में भगवान रघुनाथ (Lord Raghunath) की रथयात्रा हुई। ढोल-नगाड़ों की थाप पर हजारों कारकूनों, हारियानों और देवलुओं के साथ भगवान रघुनाथ मंगलवार दोपहर पालकी में सवार होकर रथ मैदान पहुंचे। यहां देवविधि के अनुसार भगवान रघुनाथ का रथ सजाया गया। दो बजे के आसपास रथ ढालपुर स्थित उनके अस्थायी शिविर के लिए रवाना हुआ। रथ को सैकड़ों श्रद्धालुओं ने खींचा। इसके बाद इनके अस्थायी शिविर में पूजा-अर्चना की गई। रघुनाथ की इस रथयात्रा (Rath Yatra) के साथ रघुनाथ की नगरी में होली (Holi) का भी आगाज हो गया। कुल्लू में रघुनाथ की नगरी में आज से आने वाले 40 दिनों तक होली मनाई जाएगी और होली स्वरूप भगवान रघुनाथ को हर दिन गुलाल लगाया जाएगा। वसंत पंचमी पर ढालपुर मैदान (Dhalpur Maidan) में खूब गुलाल उड़ाया गया।
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बैरागी समुदाय के लोग रोजाना होली गीत गाएंगे। बसंत पंचमी पर सभी लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी। इस दौरान ब्रज की होली के गीत भी गूंजते रहे। भगवान रघुनाथ की इस रथयात्रा के दौरान राम-भरत मिलन आकर्षण का केंद्र रहा। इस दौरान अधिष्ठाता को देव विधि से गुलाल फेंका गया। गुलाल फेंकते ही कुल्लू (Kullu) में होली का आगाज हो गया। होली के ठीक आठ दिन पूर्व यहां होलाष्टक पर्व मनाया जाता है और देश की होली से एक दिन पूर्व होली मनाई जाती है। इस अवसर पर भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने कहा कि बसंत पंचमी पर भगवान रघुनाथ ढालपुर स्थित अपने अस्थायी शिविर पहुंचे। यहां राम-भरत मिलन हुआ। इसके बाद लोग एक-दूसरे के ऊपर गुलाल फेंका गया। परंपरा के अनुसार इस बार भी हर साल की तरह बसंत पंचमी पर्व मनाया जा रहा है। रथ यात्रा में अधिष्ठाता रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह सहित राजपरिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे। रथ यात्रा के बाद रघुनाथ को पालकी में बैठाकर उनके मूल मंदिर सुल्तानपुर ले जाया गया।