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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं में आजकल चूहे की मौत का मामला गर्माया हुआ है। मामला थाने (Police Station) तक पहुंच चुका है। इतना ही नहीं नौबत चूहे के पोस्टमार्टम (post mortem) करवाने तक जा पहुंची है। दरअसल मामला 25 नवंबर का है। 25 नवंबर की दोपहर को बंदायू के गांधी ग्राउंड चौराहे के पास जिला कोतवाली सदर क्षेत्र के मोहल्ला कल्याण नगर निवासी पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा (Vikendra Sharma) गुजर रहे थे। तभी उन्होंने मनोज कुमार (Manoj Kumar) नाम के युवक को चूहे की पूंछ में पत्थर बांधकर नाले में डुबाते देखा। उन्होंने तत्काल नाले में कूदकर चूहे को बाहर निकाला, मगर तब तक चूहे की मौत हो चुकी थी।
इसके बाद विकेंद्र ने इस मामले की शिकायत स्थानीय थाने में कर दी। पुलिस ने चूहे के शव को सील कर दिया और बदायूं के पशु चिकित्सालय में भेज दिया। वहां स्टाफ ने संसाधनों के अभाव में पोस्टमॉर्टम करने से इंकार कर दिया। वादी के प्रार्थना पत्र पर पुलिस (Police) ने बरेली स्थित आईवीआरआई में चूहे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। आईवीआरआई के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर केपी सिंह का कहना है कि देश में चूहे के पोस्टमार्टम होने का यह पहला मामला है। केपी सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम करने के बाद चूहे के अन्य अंगों की माइक्रोस्कोप से जांच की गई। पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर अशोक कुमार डॉक्टर पवन कुमार ने चूहे का पोस्टमार्टम किया, जिससे यह पता चला कि फेफड़ों में नाली के पानी की गंदगी के कोई विशेष नहीं मिले। उसकी मौत दम घुटने से नहीं हुई। चूहे के फेफड़े और लीवर पहले से ही खराब थे और चूहा कई बीमारी से ग्रसित था, जिसकी वजह से उसका बच पाना बेहद मुश्किल था।
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