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नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण आरबीआई ने बिना ब्याज दरों में कटौती किए ईएमआई में कमी कर दी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्याज दरों में बदलाव को कोई ऐलान नहीं किया है। बता दें, बिगड़ती अर्थव्यवस्था के कारण कई बैंकों ने अपनी ब्याज दरों को बढ़ाया था। लेकिन आरबीआई के इस कदम के बाद रिटेल लोन लेने वाले ग्राहक निराश हो सकते हैं।
RBI ने लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन (LTRO) का फैसला लिया है। लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन एक ऐसा टूल है, जिसके तहत रिज़र्व बैंक मौजूदा रेपो रेट (Repo Rate) पर बैंकों को 1 से 3 साल के लिए पूंजी देता है। इसके बदले बैंक समान ब्याज दर पर कोलेटरल के तौर पर सरकारी सिक्योरिटीज खरीदते हैं। बता दें, दिसंबर 2019 और फरवरी 2020 की बैठक में RBI MPC ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया था। इस दौरान बैंकों ने पिछले रेपो रेट में कटौती का कुछ लाभ ही ग्राहकों को दिया था। आरबीआई ने पिछले 6 बैठकों में ब्याज दरों में 135 आधार अंक यानी 1.35 फीसदी की कटौती की थी। लेकिन देश के सबसे बड़े बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक ने ग्राहकों के लिए MCLR में केवल 65 आधार अंक यानी 0.65 फीसदी का ही लाभ दिया है।
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